राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर के देश परेशान है। लगभग सभी देशों में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है, भारत में यह आंकड़ा 1 करोड़ को पार कर चुका है। ऐसे में कोरोना की वैक्सीन एक आखिरी उम्मीद है। वहीं, अब वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों के लिए ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका द्वारा निर्मित गई वैक्सीन से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है।
इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी :
हाल ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) और फार्मासूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा "कोवीशिल्ड" नामक कोरोना की वैक्सीन तैयार करने की खबर सामने आई थी। इतना ही नहीं इसके ह्यूमन ट्रायल के सफल परीक्षण को लेकर भी खबरें सामने आईं थीं। हालांकि, उस समय वैक्सीन के अगले चरण का ट्रायल होना बाकी था। वहीं, अब ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका द्वारा निर्मित कोवीशिल्ड वैक्सीन को भारत सरकार से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी अगले सप्ताह तक मिल सकती है। इस बारे में जानकारी भारत की फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सूत्रों ने दी है।
भारत बन सकता पहला देश :
बताते चलें, यदि भारत सरकार की तरफ से ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका द्वारा निर्मित वैक्सीन कोवीशिल्ड को मंजूरी मिल जाती है तो भारत इस वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति देने वाला पहला देश बन जाएगा। इसके साथ ही 'कोवीशिल्ड' को भारत की पहली कोरोना वैक्सीन का दर्जा मिलेगा। क्योंकि, अभी तक भारत सरकार से किसी भी वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी नहीं दी गई है। बताते चलें, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने इस वैक्सीन के लिए ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी AstraZeneca के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन के निर्माण के लिए समझौता किया है।
SII के अधिकारी ने बताया :
भारत की फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से जुड़े एक अधिकारी ने बताया है कि, सीरम इंस्टीट्यूट ने इस मामले में सरकार को और डाटा मुहैया करा दिया गया है। सरकार ने जिसकी मांग की गई थी। बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट भारत में कोरोना वैक्सीन निर्मित करने वाली रेस में शामिल तीन कंपनियों में शुमार एक फार्मा कंपनी है।
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