राज एक्सप्रेस। जानलेवा कोरोना महामारी के चलते पहले ही भारत सहित दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था काफी सुस्त चल रही है। इस महा संकट के बीच भी एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाने वाला देश चाइना मौके का फायदा उठाने में जुटा हुआ है, इन सब को देखते हुए भारत सरकार ने 'फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट' (FDI) के नियमों में कुछ बदलाव करने का फैसला किया है।
FDI के नियमों में कुछ बदलाव :
भारत सरकार ने मौके का फायदा उठाने वाले अधिक अधिग्रहण पर अंकुश लगाने के लिए FDI के नियमों में बदलाव किया गया है। इन बदलावों के अंतर्गत भारत की सीमा से लगे हुए देश भारत में भारत सरकार की अनुमति के बिना निवेश नहीं कर सकेंगे, यानी चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान के निवेशको या कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए पहले भारत सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी। यदि भारत सरकार उन्हें अनुमति प्रदान करती है, तब ही वह भारत में निवेश कर सकेंगे अन्यथा नहीं। इस बारे में जानकारी DPIIT द्वारा दी गई है।
FDI के नियमों में बदलाव का असर :
बताते चलें, सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का सीधा असर चाइना के निवेशकों और अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। वहीं, पाकिस्तान और बांग्लादेश पर इस फैसले का कुछ खास असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि, इन देशों में पहले से ही आने वाले FDI के लिए भारत सरकार से अनुमति ली जाती है।
सरकार को क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला :
दरअसल, हाल ही में चाइना के सेंट्रल बैंक द्वारा HDFC प्राइवेट कंपनी में किए गए करोड़ों के निवेश की खबर सामने आई थी, जिससे चाइना के बैंक की भारतीय कंपनी में 1% की हिस्सेदारी बढ़ गई है। गौरतलब है कि, चाइना का मन भारत की कई कंपनियों में तेजी से निवेश करने का है। जहां, कोरोना संकट के बीच भारत सहित दुनियाभर के देशों के शेयर तेजी से गिर रहे हैं, मार्केट क्रैश हो रहा है, वहीं, चाइना इन सब का फायदा ले रहा है और दुनिया भर में तेजी से अपना निवेश बढ़ा रहा है इन हालातों को देखते हुए भारत को FDI के नियमों में बदलाव करने का यह फैसला लेना पड़ा।
भारत सरकार के फैसले का पाकिस्तान पर असर :
बताते चलें DPIIT द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जिस देश की सीमा भारत की सीमा से सटी होगी उस देश की कोई भी एंटिटी जैसे कंपनी या इंडिविजुअल बिना भारत सरकार की अनुमति के भारत में निवेश नहीं कर सकती। यदि वे निवेश करना चाहती है तो उसे भारत के सरकारी रास्ते को ही चुनना पड़ेगा। चूँकि, बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमा भारत की सीमा से सटी हुई है तो, बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिक और कंपनी भारत में निवेश करने के लिए पहले सरकार से अनुमति लेने के लिए बाध्य हैं। इसके अलावा इन देशों को डिफेंस, स्पेस, एटॉमिक एनर्जी जैसे सेक्टर्स में निवेश की अनुमति नहीं दी गई है।
लाभार्थी को लेनी होगी अनुमति :
DPIIT द्वारा दी गई जानकारी में यह भी साफ-साफ बताया गया है कि, भारत में होने वाले किसी भी निवेश में लाभार्थी यदि इन देशों का है तो, ऐसे में उसे भी सरकार से निवेश करने के लिए मंजूरी लेनी पड़ेगी। वहीं, विभाग द्वारा कहा गया है कि, यदि भारत की किसी भी कंपनी में FDI या फिर आने वाले समय में FDI से जुड़े मालिकाना हकों में किसी तरह का कोई बदलाव किया जाता है तो, इस सौदे में भी यदि लाभार्थी भारत की सीमा से सटी हुई सीमा का पाया गया तो, उसे भारत से निवेश के लिए अनुमति लेनी होगी।
चाइना का भारत में निवेश :
बताते चलें, पिछले 4 महीनों में भारत में होने वाले सबसे ज्यादा निवेश चाइना द्वारा किए गए हैं। भारत में मात्र पिछले 4 महीनों में चाइना द्वारा 2.34 अरब डॉलर (भारतीय करेंसी में 14,846 करोड़ रुपये) का निवेश किया जा चुका है। यह निवेश दिसंबर 2019 से अप्रैल 2020 के दौरान किए गए हैं। जानकारी के लिए बता दें, भारत की सीमा से पाकिस्तान, बांग्लादेश और चाइना के अलावा नेपाल, भूटान और म्यांमार की सीमाएं भी लगी हुई हैं।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।