मंदी और महंगाई के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, 13.5 रही GDP ग्रोथ
राज एक्सप्रेस। दुनिया के कई देश इस समय भयंकर मंदी और महंगाई का सामना कर रहे हैं। कोरोना, रूस-यूक्रेन युद्ध, प्राकृतिक आपदा सहित अन्य कारणों से दुनिया के ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है। ऐसी स्थिति के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। बुधवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था ने पहली तिमाही में 13.5 फीसदी की शानदार दर से वृद्धि की है। यह दुनिया के किसी भी अन्य देश के मुकाबले कहीं अधिक है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज की बढ़ती लागत और विकसित देशों में मंदी की आशंका के चलते आने वाले समय में वृद्धि दर कम हो सकती है।
कृषि और सेवा क्षेत्र में तेजी :
भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन में कृषि और सेवा क्षेत्र का बड़ा योगदान है। एनएसओ के अनुसार पहली तिमाही में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 17.6 फीसदी रही, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 10.5 फीसदी थी। वहीं कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.5 फीसदी रही जो पिछले वर्ष 2.2 थी। इनके अलावा वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की विकास दर भी बढ़कर 9.2 फीसदी रही जबकि पिछले वर्ष पहली तिमाही में यह 2.3 फीसदी थी। बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाओं की वृद्धि दर भी पिछले साल के 13.8 फीसदी से बढ़कर इस बार 14.7 फीसदी हो गई है।
बड़े देश भी मंदी की चपेट में :
इस समय दुनिया के बड़े देश भी मंदी और महंगाई से जूझ रहे हैं। जहां एक तरह से पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी, वहीं इसी दौरान अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 0.6 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं अप्रैल-जून तिमाही की चीन की वृद्धि दर महज 0.4 प्रतिशत रही। इनके अलावा पहली तिमाही में ब्रिटेन की जीडीपी में भी गिरावट के संकेत मिल रहे हैं।
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