ये भारतीय कंपनी अब बनाएगी चाईना के लिए प्रॉडक्ट!

“चीन की कंपनियां केवल उन भारतीय फर्मों के साथ साझेदारी करने में उत्सुकता दिखा रही हैं जिन भारतीय कंपनियों के पास स्वयं का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है, ताकि उसका उपयोग किया जा सके।"
Indian Company Makes Products For Chinese Firms
Indian Company Makes Products For Chinese FirmsKavita Singh Rathore -RE
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हाइलाइट्स :

  • इंडियन कंपनियों पर कितनी भारी चाईनीज़ कंपनियां?

  • क्या प्रतिस्पर्धा में नहीं टिक पा रहीं इंडियन कंपनीज़?

  • कच्चे माल की समस्या से परेशान भारतीय कंपनियां

राज एक्सप्रेस। चाईनीज़ मोबाइल कंपनियों की तगड़ी प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहगी भारतीय कंपनी इंटेक्स अब चीनी कंपनियों के लिए उत्पाद बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस संकट से निपटने के लिए कंपनी ने एक खास प्लान तैयार किया है, ताकि प्रतिस्पर्धा में रहकर अवसर तलाशे जा सकें।

अर्श से फर्श :

गौरतलब है वित्तीय वर्ष-16 में 6,233 करोड़ रुपये की ऊंचाई हासिल करने के बाद से इंटेक्स की सेल में चाईनीज ब्रांड्स की एंट्री के कारण साल-दर-साल गिरावट देखी जा रही है।

भारत में घरेलू मोबाइल फोन उद्योग को लगभग खत्म करने वाले चीनी हैंडसेट ब्रांड्स के लिए, दूसरी सबसे बड़ी घरेलू निर्माता कंपनी इंटेक्स टेक्नोलॉजीस़ अब चीन की कंपनियों के लिए एक अनुबंध पर काम करने की योजना बना रही है। इंटेक्स के प्रमोटर और निदेशक केशव बंसल ने इस बारे में खुलासा किया है। बताया कि;

“अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध के मद्देनजर, चीन की कुछ कंपनियां भारत से यूएसए के लिए उत्पादों के विनिर्माण और निर्यात के लिए इंटेक्स के साथ बातचीत के अंतिम दौर में हैं।”

केशव बंसल, इंटेक्स के प्रमोटर और निदेशक

इनकी मार :

कंपनी को पुनर्जीवित करने के लिए यह कदम इंटेक्स की महत्वपूर्ण रणनीति में से एक होगा। भारतीय बाजार में Xiaomi, Oppo, Vivo, Intel और Realme के मजबूत पकड़ बनाने से Intex की प्लानिंग पर बुरा असर पड़ा है।

वेराटेक इंटेलिजेंस से जुड़े सूत्रों के अनुसार इंटेक्स कंपनी ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में इंटेक्स टेक्नोलॉजी थर्ड पोजीशन पर है जबकि वित्तीय वर्ष 2017 में उसकी स्थिति कुछ और थी। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में परिचालनों से आय वित्त वर्ष 19 में घटकर 52 प्रतिशत के हिसाब से 1,387 करोड़ रुपया रही।

घटा लाभ, बढ़ा घाटा :

चीन के ब्रांड्स के प्रवेश के कारण वित्त वर्ष 2016 में 6,233 करोड़ रुपये के शिखर को छूने के बाद इंटेक्स की बिक्री में साल-दर-साल गिरावट आ रही है। पहले तक हर मामले में मुनाफे में चल रही कंपनी ने 2017-18 में 13.8 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ की तुलना में पिछले वित्त वर्ष में 281.3 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया।

खुद का प्लांट अनिवार्य :

एक अन्य अग्रणी भारतीय ब्रांड के भी चीन की एक कंपनी से करार करने की चर्चा जोरों पर है। इस भारतीय और चाइनीज कंपनी के बीच एग्रीमेंट की दिशा में बड़ी चर्चा चल रही है। कंपनी के विश्वस्त सूत्र के मुताबिक चीन की कंपनियां केवल उन भारतीय फर्मों के साथ साझेदारी करने में उत्सुकता दिखा रही हैं जिन भारतीय कंपनियों के पास स्वयं का मन्युफैक्चरिंग प्लांट है, ताकि वे उसका उपयोग कर सकें।

निर्माण जगत से जुड़े जानकारों का मानना है कि पैमाना और गति के मामले में चीन का मुकाबला करना मुश्किल है। भारतीय कंपनियां चीनी कंपनियों की असेंबलिंग लागत का मुकाबला नहीं कर सकतीं। अनुमानित तौर पर चीन में फीचर फोन के लिए प्रति यूनिट 30-35 रुपये और एसएमटी असेंबलिंग के बिना स्मार्टफोन के लिए 100 से 250 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से असेंबलिंग कॉस्ट पड़ती है। ऐसे में मुकाबला ही बेमानी है।

“दरअसल भारत में रॉ मटेरियल की कमी है, इलेक्ट्रिक गुड्स के मामले में इंडियन मैन्युफैक्चरर्स चाइना पर डिपेंड हैं। जिस दिन भारत में कच्चा माल मिलने लगेगा उस दिन भारत के उत्पादों का विश्व में तोड़ नहीं रहेगा। एक अनुमान के मुताबिक यदि भारतीय निर्माता 10000 यूनिट का लक्ष्य लेकर काम करते हैं तो उसके मुकाबले अपनी विश्व व्यापी पहुंच के कारण चीन की कंपनियां 10 लाख का टारगेट तय करती हैं। अंतर साफ है, लेकिन विश्वास है एक दिन भारत सिरमौर होगा।”

उमेश मिश्रा, संचालक, नारायणी सर्विसेस, मैन्युफेक्चरर ऑफ इलेक्ट्रिक डिवाइसेस, इंदौर

“इंटेक्स का एक-तिहाई कारोबार सेलफोन से होता है, जहां इसे चीनी ब्रांडों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इससे कंपनी के राजस्व और शुद्ध लाभ में भारी गिरावट आई है। कंपनी को पुनर्जीवित करने के लिए पूरी तरह से नई रणनीति की आवश्यकता होगी।”

मोहित यादव, संस्थापक, वेराटेक

ई-कॉमर्स खिलाड़ियों, जियो, चाइनीज कंपनियों और शिकारी मूल्य निर्धारण के कारण भारतीय हैंडसेट कंपनियों के राजस्व में गिरावट आई है। इंटेक्स ने 2020 में नए उत्पादों की लॉन्चिंग की योजना बनाई है। कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट होम और कार्यालय समाधान, सुरक्षा निगरानी उत्पाद, व्यक्तिगत देखभाल, स्मार्ट घड़ियों और फिटनेस बैंड की दिशा में कार्यरत है।

केशव बंसल, प्रमोटर और निदेशक, इंटेक्स

घटा बाजार में हिस्सा :

बाजार की नब्ज पर नज़र रखने वालों के मुताबिक स्मार्टफोन बाजार में भारतीय हैंडसेट ब्रांडों की हिस्सेदारी जुलाई से सितंबर में घटकर 3% से कम हो गई, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह पांच ब्रांडों के मुकाबले 8 फीसदी थी। मौजूदा समय में भारतीय बाजार पर शियोमी, सैमसंग, वीवो, रियलमी और ओप्पो का 87 फीसदी नियंत्रण है।

स्मार्टफोन के मामले में भारतीय ब्रांडों की 1% से भी कम हिस्सेदारी है, जबकि फीचर फोन में लावा और कार्बन शीर्ष पांच की फेहरिस्त में बने रहने में कामयाब रहे हैं।

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