ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर 55,000 करोड़ डालर जीएसटी लेने से 5 ट्रिलियन इकोनामी नहीं बनेगा भारतः अश्नीर ग्रोवर
राज एक्सप्रेस। भारतपे के सह-संस्थापक और चर्चित युवा कारोबारी अश्नीर ग्रोवर ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जारी किया गया 55 हजार करोड़ का टैक्स नोटिस रद्द कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से 55,000 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मांग से भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद नहीं मिलेगी।एक्स प्लेटफॉर्म (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में ग्रोवर ने लिखा, कि कोई टैक्स देने नहीं जा रहा। उन्होंने कहा यदि यह सच है तो इस विशाल कर नोटिस से केवल वकीलों को ही लाभ होगा।
एकाधिकार का खेल चल रहा है बास
उन्होंने लिखा 55,000 करोड़ रुपए की जीएसटी मांग...मैं इस बात को लेकर बेहद उत्सुक हूं कि टैक्स वालों के दिमाग में आखिर क्या चलता होगा ऐसे नोटिस भेजते समय। एकमात्र स्पष्टीकरण है - कुछ नहीं। एकाधिकार का खेल चल रहा है बास। न कोई टैक्स देगा इतना - न सरकार को मिलने वाला है। ग्रोवर ने एक्स पर लिखा मिलेगा सिर्फ वकीलों को फेस्टिवल जो एससी में इसे चैलेंज करेंगे। व्यवसायियों को परेशान करने का बस एक और दिन। उल्लेखनीय है कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने कथित तौर पर लगभग 55,000 करोड़ रुपये की कथित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी को लेकर ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों को एक दर्जन पूर्व कारण बताओ नोटिस भेजे हैं।
ड्रीम 11 को 25,000 करोड़ से अधिक का जीएसटी नोटिस
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि हर्ष जैन के नेतृत्व वाले फंतासी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 को 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी नोटिस भेजा गया है, जो संभवतः देश का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर नोटिस है। रिपोर्ट के अनुसार, ड्रीम 11 के अलावा, प्ले गेम्स 24x7 और उसके सहयोगियों और हेड डिजिटल वर्क्स को भी कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। ग्रोवर ने आगे पूछा कि क्या इतना जीएसटी देना था तो क्या अधिकारी इतने सालों तक सो रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह कथित नोटिस 'बिग 4' एकाउंटेंट पर आक्षेप लगाने जैसा है। अगर इतना जीएसटी बनता था तो क्या जीएसटी वाले 10 साल से सो रहे थे।
इस मुद्दे का समाधान करे पीएमओ व वित्त मंत्रालय
ग्रोवर ने वित्त मंत्रालय और प्रधान मंत्री कार्यालय से इस मुद्दे का समाधान करने का अनुरोध किया। ग्रोवर ने अपनी पोस्ट में लिखा, इसे रेट्रोस्पेक्टिव कर कहा जाता है। आज अधिसूचना निकल दी (स्पष्टीकरण के रूप में) कि पहले से आप का कर बंटा था, अंकित मूल्य पर 28%। कांग्रेस के पास वोडाफोन पर रेट्रोस्पेक्टिव कर था - भाजपा के पास गेमिंग जीएसटी पर पूर्वव्यापी कर था। किस्मत बदलती है और कभी-कभी कुछ भी नहीं बदलता। ग्रोवर ने पोस्ट किया इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए @वित्तमंत्रालय @पीएमओइंडिया से अनुरोध है कि यह 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के हमारे लक्ष्य में मदद नहीं कर रहा है।
डेल्टा कॉर्प को 16,822 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस
जीएसटी परिषद ने एंट्री लेवल पर ही ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने के निर्णय के बाद कथित नोटिस भेजे थे। कैसीनो ऑपरेटर डेल्टा कॉर्प को शुक्रवार को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय से कुल 16,822 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस मिला है। यह मांग जुलाई 2017 से मार्च 2022 के बीच की है। डेल्टा कॉर्प के खिलाफ 11,140 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया गया है। 5,682 करोड़ रुपये का अन्य नोटिस इसकी तीन सहायक कंपनियों - कैसीनो डेल्टिन डेनज़ोंग, हाईस्ट्रीट क्रूज़ और डेल्टा प्लेज़र क्रूज़ के खिलाफ भेजा गया है। डेल्टा कॉर्प ने कहा कि जीएसटी नोटिस ग्रास बेट वैल्यू पर आधारित है न कि सकल गेमिंग मूल्य पर। डेल्टा कार्प ने कहा कि वह इस आदेश को चुनौती देने के लिए कानूनी उपाय अपनाएगा। इसने यह भी बताया है कि ऐसी कर मांगें कंपनी-विशिष्ट समस्या नहीं हैं, बल्कि उद्योग-व्यापी परिघटना हैं।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।