भारत ने उठाई WTO की आम परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग

भारत ने देश की हालात को देखते हुए वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) द्वारा प्रस्तावित किए गए पैकेज पर विचार करने को लेकर WTO की आम परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग उठाई है।
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राज एक्सप्रेस। अब भारत में एक बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते नजर आरहे हैं। जबकि, कुछ राज्यों में कोरोना के नए Omicron वेरिएंट का कहर भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में भारत ने देश की हालात को देखते हुए वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) द्वारा प्रस्तावित किए गए पैकेज पर विचार करने को लेकर WTO की आम परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग उठाई है।

बैठक बुलाने की मांग :

दरअसल, देश के हालत अब कोरोना वायरस के चलते एक बार फिर बिगड़ते नजर आरहे हैं। भारत सरकार पिछले साल आई दूसरी वेब के समय बने हालातों को भूली नहीं है इसलिए भारत ने अब वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) द्वारा प्रस्तावित किए गए पैकेज पर विचार करने को लेकर WTO की आम परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है। यह बैठक इसी महीने जिनेवा में बुलाने की मांग की गई है। प्रस्तावित किए गए पैकेज में पेटेंट से छूट का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। WTO की आम परिषद संगठन का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। बता दें, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा लगातार काम सुचारू रूप से चलाता रहे इसके लिए नियमित तौर पर बैठक का आयोजन किया जाता रहा है।

बैठक में होती है इनकी उपस्थिति :

बताते चलें, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) द्वारा आयोजित की जाने वाली बैठक में सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि (राजदूत या उसके समकक्ष) उपस्थित होते हैं। साथ ही इसके पास दो साल पर होने वाले मंत्री स्तरीय सम्मेलन की तरफ से काम करने का अधिकार है। उधर भारत द्वारा कोरोना जेसी जानलेवा बीमारी का सामना करने में मदद के लिये बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित व्यापार पहलुओं (ट्रिप्स) पर कोई प्रगति नहीं होने को लेकर नाखुशी जताई है। साथ ही अपने द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को WTO के प्रस्तावित पैकेज में शामिल करने का आह्वान किया है। भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर, 2020 में पहला प्रस्ताव पेश करते समय कहा था कि, 'कोरोना महामारी की रोकथाम और इलाज में मदद को लेकर सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों को ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों के क्रियान्वयन से छूट मिलनी चाहिए।'

प्रस्ताव किया गया संशोधित :

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पेश किए गए प्रस्ताव को मई में संशोधित किया गया था। बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार पहलुओं पर करार जनवरी, 1995 में लागू हुआ था। यह बौद्धिक संपदा अधिकार कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अघोषित सूचना या व्यापार से संबंधित गोपनीय सूचना के संरक्षण से संबंधित बहुपक्षीय समझौता है। इस बारे में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर पेटेंट में छूट समेत डब्ल्यूटीओ के पैकेज पर विचार को लेकर आम परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है। डब्ल्यूटीओ यह बैठक 10 जनवरी से शुरू कर सकता है। हमने तुरंत बैठक बुलाने का सुझाव दिया है।’’

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