स्टार्टअप के मामले में भारत निकला चीन से आगे
राज एक्सप्रेस। आज भारत किसी भी मामले में किसी दूसरे देश से कम नहीं हैै। हालांकि, कई मामलों में भारत अब भी बहुत से देशों को टक्कर देने में जुटा हुआ है, लेकिन वहीँ, भारत की टक्कर देखा जाए तो अमेरिका और चीन जैसे देशों से होती है। तो आपको जानकार खुशी होगी कि, भारत ने स्टार्टअप के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है और भारत ने ऐसा भारत ने ऐसा साल 2022 में 23 कंपनियों के यूनिकॉर्न का दर्जा पाने से किया है।
23 कंपनियों के यूनिकॉर्न का दर्जा :
दरअसल, भारत को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है कि, भारत की 23 कंपनियों को साल 2022 में यूनिकॉर्न का दर्जा मिला है, यह दर्जा वर्तमान में चीन की भी कंपनियों के पास नहीं है और यह चीन से तुलना की जाएं तो कहीं ज्यादा ही है। पिछले साल जब चीन से डाटा सामने आया था तो, एक अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले इस तरह के कुल स्टार्टअप की संख्या मात्र 11 ही दर्ज हुई थी। पिछले साल भी भारत चीन से आगे ही था और इस बार फिर लगातार दूसरी बार भारत का नाम इस मामले में चीन से आगे है। इस मामले में बुधवार को सामने आई रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ।
IVCA-Bain ने जारी की रिपोर्ट :
यह जानकारी आईवीसीए-बेन एंड कंपनी (IVCA-Bain & Company) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट से सामने आई है। इस रिपोर्ट में IVCA-Bain ने बताया गया कि, 'अब भारत में उच्च मूल्य वाली इन कंपनियों की संख्या 96 हो गई है। हालांकि इस साल यूनिकॉर्न बनने वाली कंपनियों की संख्या 2021 के मुकाबले लगभग आधी है। उस समय देश में 44 यूनिकॉर्न बने थे और उस वर्ष इनकी कुल संख्या 73 पर पहुंच गई थी। इस साल 23 यूनिकॉर्न में से नौ शीर्ष तीन महानगरों को छोड़कर दूसरे शहरों से हैं। यह बताता है कि वित्तपोषण अब छोटे शहरों में काम करने वाले स्टार्टअप को भी मिल रहा है।'
रिपोर्ट में कही गई ये बात :
IVCA-Bain की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, 'कुल वित्तपोषण में छोटे शहरों के स्टार्टअप को मिलने वाला वित्तपोषण 18% बढ़ गया है। साल 2022 में व्यापक आर्थिक अनिश्चितता और मंदी की आशंका बढ़ने से निवेश की गति प्रभावित हुई और देश में उद्यम पूंजी निवेश घट गया। प्रतिकूल परिस्थितियों के हावी होने से निवेश की गति साल की दूसरी छमाही में ज्यादा प्रभावित हुई। घरेलू स्टार्टअप परिवेश में सौदे के मूल्य में 33 प्रतिशत का संकुचन आने के बावजूद देश 23 यूनिकॉर्न जोड़ पाया है। सौदे का मूल्य 2021 के 38.5 अरब डॉलर से घटकर 2022 में 25.7 अरब डॉलर रह गया।'
गौरतलब है कि, आईवीसीए-बेन एंड कंपनी द्वारा जारी की गई यह सालाना रिपोर्ट इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (IVCA) के साथ मिलकर तैयार की है।
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