राज एक्सप्रेस। वैसे तो नया साल हर देश के लिए अच्छा होना चाहिए, लेकिन कोरोना वायरस और रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के चलते सभी देशों के लिए साल 2022 काफी बुरा साबित हो रहा है। ऐसा ही कुछ हाल भारत का भी है। भारत में इस साल कुछ ही महीनों में महंगाई इस कदर बढ़ी है कि, लोग साल के दूसरे-तीसरे महीने में ही परेशान हो गए हैं। इसी बीच वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों में काफी तेजी देखने को मिली है। इसी के चलते खाने के अन्य तेलों की कीमत भी बढ़ी हैं।
दिल्ली थोक JNS बाजार का माहौल :
दरअसल, आज पूरी दुनियाभर के देशों पर रूस और यूक्रेन युद्ध का प्रभाव तेजी से पड़ रहा है, और अभी फ़िलहाल तो ये रुकता नजर भी नहीं आरहा है, लेकिन इसके कारण वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों में बढ़त दर्ज होने से आज दिल्ली थोक जिंस बाजार में मूंगफली तेल और सरसों तेल की कीमतों में सबसे ज्यादा उबाल देखने को मिला। तेल तो तेल चने की दाल में भी बढ़त देखी गई। हालांकि, इस दौरान चना दाल में तेजी को छोड़कर शेष सभी दालों में ठहराव कायम रहा। वहीं, चावल में 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़त दर्ज हुई। वहीं, गुड़ और चीनी की कीमत में टिकाव रहा।
तेल-तिलहन में दर्ज हुई बढ़त :
वैश्विक स्तर पर मलेशिया के बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज में पाम ऑयल का मार्च वायदा 587 रिंगिट उबलकर 7093 रिंगिट प्रति टन पर पहुंच गया। इसी तरह मार्च का अमेरिकी सोया तेल वायदा चार सेंट की तेजी के साथ 74.72 सेंट प्रति पौंड बोला गया। स्थानीय स्तर मूंगफली तेल में 366 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों तेल 367 रुपये प्रति क्विंटल उबल गया। इस दौरान वनस्पति, सोया रिफाइंड, पॉम ऑयल और सूरजमुखी तेल में कोई बदलाव नहीं हुआ।
दाल-दलहन- अनाज की कीमत गरम :
दाल-दलहन के बाजार में चना दाल 50 रुपये गरम हो गयी। उड़द दाल, अरहर दाल, मसूर दाल और मूंग दाल में टिकाव रहा। जबकि, अनाज मंडी में चावल 50 रुपये प्रति क्विंटल पर रहा गया। इस दौरान गेहूं के भाव पिछले कारोबारी दिवस के स्तर पर टिके रहे।
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