आयकर विभाग ने भारतीय जीवन बीमा निगम को भेजा 84 करोड़ रुपए जुर्माना अदा करने का नोटिस
हाईलाइट्स
आयकर विभाग ने एलआईसी को यह पेनल्टी नोटिस 29 सितंबर को भेजा था, जो कंपनी की जानकारी में 3 अक्टूबर को आया
एलआईसी पर 2012-13 के लिए 12.61 करोड़ जुर्माना, 2018-19 के लिए 33.82 करोड़ और 2019-20 के लिए 37.58 करोड़ जुर्माना लगाया
राज एक्सप्रेस। आयकर विभाग ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को 84 करोड़ रुपये जुर्माना अदा करने का नोटिस भेजा है। एलआईसी ने शेयर बाजारों को यह जानकारी देते हुए बताया है कि उसने इस आदेश के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में एलआईसी ने कहा आयकर विभाग ने वर्ष 2012-13 के लिए कंपनी पर 12.61 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जबकि 2018-19 के लिए 33.82 करोड़ और 2019-20 के लिए 37.58 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। आयकर विभाग ने एलआईसी पर कुल 84 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
नोटिस के खिलाफ अपील करेगी एलआईसी
आयकर विभाग ने यह जुर्माना इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 271(1)(सी) और 270ए के तहत लगाया गया है। आयकर विभाग ने एलआईसी को यह नोटिस 29 सितंबर, 2023 को भेजा था, जो कंपनी की जानकारी में 3 अक्टूबर को आया। इससे पहले बिहार के जीएसटी प्राधिकरण ने एलआईसी को 290.50 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेजा था। यह नोटिस बिहार के अतिरिक्त राज्य कर आयुक्त (अपील), सेंट्रल डिवीजन, पटना के हस्ताक्षर से जारी किया गया था और इसमें ब्याज एवं जुर्माने के साथ जीएसटी का भुगतान करने की मांग की है। एलआईसी ने 22 सितंबर 2023 को शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा है वह जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण में इस नोटिस के खिलाफ अपील दायर करेगी।
नोटिस में ब्याज-जुर्माने के साथ जीएसटी भुगतान को कहा
जीएसटी अधिकारियों ने एलआईसी पर बीमाधारकों से प्रीमियम अदायगी पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट को नहीं लौटाने समेत कुछ अन्य गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं। टैक्स नोटिस, बिहार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (बीजीएसटी) और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (सीजीएसटी) एक्ट 2017 दोनों के सेक्शन 73(9) के तहत जारी किया गया है। नोटिस में ब्याज एवं जुर्माने के साथ जीएसटी का भुगतान करने की बात कही गई है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को आयकर विभाग ने 2,159.70 करोड़ रुपये का ड्राफ्ट असेसमेंट ऑर्डर भेजा है। यह ड्राफ्ट असेसमेंट ऑर्डर वर्ष 2019-20 के लिए है।मारुति प्रबंधन ने अपने बयान में बताया है कि कंपनी को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ड्राफ्ट असेसमेंट ऑर्डर मिला है, जिसमें आयकर रिटर्न में बताई आय के मुकाबले 2159.70 करोड़ का अंतर बताया गया है।
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