Electricity Network
Electricity NetworkRaj Express

साल की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के बीच 8 फीसदी वृद्धि के साथ 847 बीयू हुई बिजली की खपत

वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश में बिजली खपत में लगभग 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हाल के दिनों में देश के विनिर्माण सेक्टर की गतिविधियों में तेजी आई है।
Published on

हाईलाइट्स

  • बिजली की अधिकतम मांग अप्रैल-सितंबर 2023 के दौरान 241 गीगावॉट के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंची

  • केंद्र सरकार के इन आंकड़ों से पता चलता है कि हाल के दिनों में देश में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आई है

राज एक्सप्रेस। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के बीच भारत में बिजली खपत लगभग 8 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 847 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि हाल के दिनों में देश की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितंबर 2023 के दौरान बिजली की खपत पिछले साल की इसी अवधि में 786 बिलियन यूनिट से बढ़कर लगभग 847 बिलियन यूनिट हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि बिजली की अधिकतम मांग अप्रैल-सितंबर 2023 के दौरान 241 गीगावॉट के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जबकि 2022-23 की पहली छमाही में यह 215.88 गीगावॉट थी।

जून में 224.1 गीगावॉट की नई ऊंचाई को छू गई खपत

बिजली की अधिकतम मांग जून में 224.1 गीगावॉट की नई ऊंचाई को छू गई, लेकिन जुलाई में गिरकर 209.03 गीगावॉट के स्तर पर आ गई। अगस्त में अधिकतम बिजली की मांग 238.19 गीगावॉट तक पहुंच गई थी और इस साल सितंबर में लगभग 240 गीगावॉट की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। बिजली मंत्रालय ने अनुमान लगाया था कि गर्मियों के दौरान देश की बिजली की मांग 229 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी। बेमौसम बारिश के कारण अप्रैल-जुलाई में मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंची। मंत्रालय ने इस साल बिजली कटौती से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह फैसला 2023 में गर्मी के मौसम के दौरान देश में 229 गीगावॉट की उच्च बिजली मांग की आशंका की वजह से लिया गया था।

पूरी क्षमता के साथ चलाए गए बिजली संयंत्र

मंत्रालय ने देश में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आयातित कोयले से संचालित सभी संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए बिजली अधिनियम 2023 की धारा 11 लागू की थी। इसके अलावा, मंत्रालय ने सूखे ईंधन की किसी भी कमी से बचने के लिए घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को मिश्रण के लिए कोयले का आयात करना भी अनिवार्य कर दिया है। विशेषज्ञों ने कहा कि इन उपायों से देश में कोयले का आयात भले ही बढ़ गया हो, लेकिन देश में चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना जरूरी है। इस वित्तीय साल अगस्त, 2023 के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 424 गीगावॉट की बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की है। इसमें 206 गीगावॉट कोयला आधारित, 47 गीगावॉट बड़े पनबिजली और लगभग 132 गीगावॉट नवीकरणीय (सौर, पवन ऊर्जा) शामिल हैं।

कोयले के आयात में आई गिरावट

देश में बड़े पैमाने पर कोयले का आयात किया जाता है। कोयले के आयात के आंकड़े जारी किये गए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार इस साल अगस्त में कोयला का आयात 12 फीसदी तक घट गया है। वहीं पिछले साल अगस्त में 20.77 मीट्रिक टन कोयले का आयात किया गया था। इस साल अगस्त में भारत द्वारा किए जाने वाले कोयला आयात में गिरावट देखने को मिली है। पिछले साल के इसी माह की तुलना में 12.08 प्रतिशत घटकर 18.26 मिलियन टन (एमटी) रह गया। आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त में कोयले का आयात 20.77 मीट्रिक टन था। एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से अगस्त के दौरान कुल कोयला आयात 10.3 प्रतिशत घटकर 103.93 मीट्रिक टन हो गया है। जबकि, यह एक साल पहले की अवधि में 115.93 मीट्रिक टन था। एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड एक अग्रणी बी2बी ई-कॉमर्स फर्म है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com