आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान को लोन देने में कतरा रहा IMF

पाकिस्तान की गिनती दुनियाभर के गरीब देशों में होती है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान को कर्ज देने में कई बार सोच रहा है। यदि वो पाक को कर्ज नहीं देगा तो, पाक तो मुश्किल में आ जाएगा।
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पाकिस्तान, दुनिया। पाकिस्तान की गिनती दुनियाभर के गरीब देशों में होती है। यहां हालात पहले ही महंगाई के चलते कुछ सही नहीं चल रहे थे, ऐसे में अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ा है क्योंकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) पाकिस्तान को कर्ज देने में कई बार सोच रहा है। यदि IMF पाक को कर्ज नहीं देगा तो, पहले से ही नकदी संकट से जूझ रहे पाक को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, पाक सरकार ने अनुरोध किया है।

पाक को लोन देने में कतरा रहा IMF :

दरअसल, पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की तरफ से कर्ज न मिलने के आसार नजर आ रहे है। जबकि, पाक अपनी बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक मदद मांग रहा है और इस पर IMF फिलहाल उसे नए सिरे से कर्ज देने में कतरा रहा है।इसी बीच कुछ ऐसी खबर सामने आई है कि, पाकिस्तान की सरकार ने अनुरोध किया है कि, 'वह चीन-पाक आर्थिक गलियारे (CPEC) के ऊर्जा सौदों पर फिर से वार्ता करे।'

रिपोर्ट के अनुसार :

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि, 'कतर की राजधानी दोहा में IMF के साथ पाकिस्तान की चर्चा हो रही है। IMF ने सरकार से चीनी सहयोग से चल रही CPEC बिजली सुविधाओं के साथ उसी तरह के बर्ताव का अनुरोध किया है जैसे 1994 व 2002 के बिजली कार्यक्रमों के तहत बनाए गए बिजली संयंत्रों के साथ किया गया था। स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (IPP) के साथ समझौतों की शर्तों पर फिर से वार्ता करने के लिए चीन के इनकार के बाद आईएमएफ की यह मांग सामने आई है।'

शीर्ष अफसरों ने बताया :

वित्त मंत्रालय के शीर्ष अफसरों ने बताया है कि, 'IMF ने सौदों पर फिर से वार्ता की इच्छा के साथ ही चीनी बिजली उत्पादकों को भुगतान का मुद्दा उठाया था। IMF के स्थानीय प्रतिनिधि एस्थर पेरेज ने सीमित राजकोषीय लचीलेपन के कारण सभी हितग्राहकों से समान बर्ताव की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बिजली सुधार रणनीति के तहत बिजली उत्पादन लागत घटाने के लिए 30 से ज्यादा भुगतान शर्तों पर पुन: वार्ता करने को कहा।'

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