राज एक्सप्रेस। इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड (IMF) द्वारा समय-समय पर देश की GDP को लेकर आंकड़े जारी किए जाते हैं। हालांकि, लॉकडाउन के बाद से देश में आंकड़े गिरने की आशंका पहले से ही थी। इसी बीच IMF द्वारा मंगलवार को फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए भारत की GDP ग्रोथ को लेकर अनुमान जताया गया है। जी हाँ, IMF द्वारा जताए गए अनुमान के अनुसार, देश की इकोनॉमी (GDP) पर कोरोना की दूसरी लहर का काफी बुरा असर पड़ा है।
IMF द्वारा जारी किया गया अनुमान :
दरअसल, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) द्वारा मंगलवार को फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए भारत की इकोनॉमी (GDP) ग्रोथ का अनुमान जारी किया है। इसके अनुसार, IMF द्वारा GDP की ग्रोथ 3% घटाकर 9.5% कर दी गई है, जबकि यह ग्रोथ पहले 12.5% होने का अनुमान लगाया गया था। IMF द्वारा वर्ल्ड इकोनॉमी आउटलुक (WEO) का ताजा रिपोर्ट की मानें तो, मार्च से मई के दौरान कोरोना की दूसरी लहर के चलते भारत की ग्रोथ पर असर पड़ा है। आपको जान कर हैरानी होगी कि, IMF द्वारा GDP को लेकर दिया गया यह अनुमान रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के अनुमान के बराबर ही है। RBI ने GDP की ग्रोथ का अनुमान 9.5% बताया है।
GDP को लेकर लगाए गए अनुमान :
बताते चलें, इससे पहले भारत की GDP को लेकर लगाया गया अनुमान रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI), वर्ल्ड बैंक और मूडीज भी घटा चुके हैं। लगाए गए अनुमान के मुताबिक,
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 10.5% से घटाकर 9.5% किया।
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 10.4% से घटाकर 7.9% किया।
वर्ल्ड बैंक ने GDP ग्रोथ अनुमान 10.1% से घटाकर 8.3% किया।
मूडीज ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान 13.9% से घटाकर 9.6% किया।
S&P ने GDP ग्रोथ का अनुमान 11% से घटाकर 9.5% किया।
एशिया डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में भारत की GDP ग्रोथ दर 11% से घटाकर 10% किया।
IMF की रिपोर्ट :
IMF ने द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा कि, '2022-23 के लिए ग्रोथ रेट 8.5% रहेगी, जो पहले के दिए अनुमान से 160 बेसिस पॉइंट ज्यादा है। अगर ऐसा होता है तो भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी होगी। इसके बाद चीन की इकोनॉमी 5.7% की दर से बढ़ने का अनुमान है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2023 में इकोनॉमी ग्रोथ 6.5% से 7% रहने की उम्मीद है।'
IMF की चीफ का कहना :
IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपिनाथ ने कहा कि, 'वैक्सीनेशन की उम्मीद से बेहतर दर और तेजी से हालात सुधरने से ग्रोथ ने रफ्तार पकड़ा, लेकिन कुछ देशों में कोरोना के मामलों में बढ़त और कोरोना वैक्सीन की कमी से ग्रोथ दर घटायी गयी है यानी डाउग्रेड किया गया। एडवांस इकोनॉमी की करीब 40% आबादी को वैक्सीन लग चुकी है। वहीं, इमर्जिंग मार्केट इकोनॉमी की 11% आबादी को ही वैक्सीन लग पाई है।'
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