अपने बैंक के रवैये से परेशान हैं तो ऐसे करें शिकायत
राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ समय में बैंकों में रखे हमारे आपके धन पर ब्याज कम होता चला जा रहा है, वहीं बैंक द्वारा वसूले जाने वाले चार्जेस में बेतहाशा वृद्धि हुई है। अब तो बैंक हमें खुद का पैसा निकालने पर भी चार्ज वसूलने लगा है। बावजूद इसके ग्राहक बैंकों की सुविधाओं से खुश नहीं हैं। कभी एटीएम में पैसा नहीं है तो कभी पासबुक में इंट्री करने वाली मशीन खराब है या फिर बैंक के कर्मचारी जान बूझ कर सीट से गायब रहते हैं। गलत चार्ज लगाकर एकाउंट खाली करने के मामलों की तो कमी ही नहीं है। लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसे किसी भी मामले में आप बैंक या उसके कर्मचारी के विरुद्ध शिकायत कर सकते हैं।
बैंक की शिकायत कहां करें?
बैंक की किसी सेवा, कर्मचारी या गलत चार्ज के खिलाफ शिकायत करने की सहूलियत हर बैंक आपको देता है। आप इस तरह की शिकायत तीन तरीकों से कर सकते हैं।
बैंक द्वारा शिकायत का निराकरण न करने पर क्या करें?
किसी भी दशा में यदि आपकी शिकायत का निस्तारण 30 दिनों के भीतर नहीं किया जाता है तो आपके पास बैंकिंग लोकपाल या ऑम्बुड्समेन में अपनी शिकायत को ले जाने का अधिकार होता है।
बैंक के कंप्लेंट सेल में :
प्रत्येक बैंक में एक कंप्लेंट सेल होता है, जहां बैंक के ग्राहक लिखित में अपनी शिकायत दर्ज करा रिसिप्ट ले सकते हैं।
बैंक के टोल फ्री नंबर पर :
जिस तरह आप कंप्लेंट सेल में लिखित शिकायत दर्ज करा सकते हैं ठीक उसी तरह बैंक के टोल फ्री नंबर पर भी आपको हुई असुविधा की कंप्लेंट दर्ज करा सकते हैं। शिकायत दर्ज करने का रेफरेंस नंबर या कंप्लेंट नंबर लेना नहीं भूलना चाहिए।
बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर :
उपरोक्त दो तरीकों के अलावा कोई भी ग्राहक बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी अपनी कंप्लेंट दर्ज करा सकता है, जहां उसे अपनी कंप्लेंट का कंप्लेंट नंबर भी मिलता है।
उपरोक्त तरीकों से कंप्लेंट दर्ज कराने के बाद बैंक द्वारा उसका निराकरण 30 दिनों के भीतर किया जाना अनिवार्य है।
बैंकिंग लोकपाल बैंक ग्राहकों की शिकायतों को सुनने और उसका समाधान करने के लिए आरबीआई द्वारा बनाई गई संस्था है। ग्राहकों की शिकायतों का निराकरण करने के लिए अलग-अलग रीजन के लिए आरबीआई द्वारा लोकपाल की नियुक्ति की जाती है। सामान्यत: लोकपाल के रूप में बैंकिंग के जानकार और वरिष्ठ व्यक्ति की नियुक्ति की जाती है। लोकपाल आपके रीजन के सभी बैंकों जिनमें सार्वजनिक, निजी, ग्रामीण और सहकारी बैंक शामिल है की शिकायतों पर एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र होते हैं। बैंकिंग नियमों के तहत लोकपाल बैंक या उसके कर्मचारी पर जुर्माना या अनुशासात्मक कार्रवाई करने के अधिकार भी रखते हैं।
लोकपाल में की गई शिकायत के निराकरण के लिए भी 30 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है। लोकपाल में शिकायत करने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगता है। यदि आप या आपका बैंक लोकपाल द्वारा किए गए निराकरण से संतुष्ट नहीं हैं तो मामले को अपीलीय प्राधिकारी को अग्रषित कर सकते हैं, जो कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर होते हैं। इसके लिए आपके पास लोकपाल के निर्णय से 30 दिनों का समय होता है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।