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कर्ज भुगतान के 30 दिनों के भीतर दस्तावेज नहीं लौटाए तो लगेगा 5 हजार रुपए प्रतिदिन जुर्माना

आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी को ऋण भुगतान के बाद उधारकर्ताओं को होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को ऋण भुगतान के बाद उधारकर्ताओं को होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय बैंक ने बैंकों और एनबीएफसी को ऋण खाते के पूर्ण भुगतान के बाद 30 दिनों के भीतर सभी मूल चल और अचल संपत्ति के दस्तावेज जारी करने और किसी भी रजिस्ट्री में पंजीकृत शुल्क हटाने को कहा है। यह निर्देंश 1 दिसंबर, 2023 से लागू हो जाएंगे। आरबीआई ने कहा है कि निर्धारित तिथि के बाद दस्तावेजों के जारी होने में किसी भी देरी के लिए प्रतिदिन 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

आरबीआई को जारी निष्पक्ष व्यवहार संहिता के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऋण खातों के पूर्ण भुगतान और बंद होने पर सभी चल और अचल संपत्ति दस्तावेज जारी करने की आवश्यकता है। हालांकि, यह देखा गया है कि वित्तीय संस्थाएं चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों के जारी करने में अलग-अलग प्रथाओं का पालन करते हैं, जिससे ग्राहकों को परेशानी होती है। आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21, 35ए और 56, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45जेए और 45एल और राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए के तहत ये दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

आरबीआई के निर्देश के दायरे में बैंक, एनबीएफसी (एचएफसी सहित), एआरसी, एलएबी और सहकारी बैंक शामिल हैं। केंद्रीय बैंक ने ऋण के पूर्ण भुगतान या निपटान के बाद 30 दिनों के भीतर सभी मूल चल और अचल संपत्ति दस्तावेज जारी करने का निर्देश दिए है। उधारकर्ता को अपनी पसंद के अनुसार, बैंकिंग आउटलेट/शाखा से या आरई के किसी अन्य कार्यालय से जहां दस्तावेज उपलब्ध हैं, मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेज एकत्र करने का विकल्प दिया जाएगा। परिपत्र में कहा गया है कि मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों के लौटने के समय और स्थान का उल्लेख प्रभावी तिथि पर या उसके बाद जारी किए गए ऋण स्वीकृति पत्रों में किया जाएगा। एकमात्र उधारकर्ता या संयुक्त उधारकर्ताओं की मृत्यु की आकस्मिक घटना को संबोधित करने के लिए, वित्तीय संस्थाओं के पास कानूनी उत्तराधिकारियों को मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों के लौटने के लिए एक अच्छी तरह से तैयार प्रक्रिया होनी चाहिए।

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