हाइलाइट्स –
कोवैक्सिन EUL में दर्ज करने आवेदन
WHO से अनुमति मिलने का इंतजार
भारत बायोटेक को अनुमति का भरोसा
राज एक्सप्रेस। वैक्सीन डेवलपर भारत बायोटेक के मुताबिक उसे इमरजेंसी यूज़ लिस्टिंग हेतु डब्ल्यूएचओ से उसके कोविड-19 वैक्सीन 'कोवैक्सिन' के लिए जुलाई-सितंबर तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
कंपनी ने मंगलवार को बताया कि; उसे इमरजेंसी यूज़ लिस्टिंग (ईयूएल/EUL) यानी आपातकालीन उपयोग सूची के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ/WHO) अर्थात विश्व स्वास्थ्य संगठन से उसके कोविड -19 वैक्सीन 'कोवैक्सिन' (Covaxin) हेतु जुलाई-सितंबर तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
नियामकीय मंजूरी प्रक्रिया -
कंपनी ने कहा कि अमेरिका, ब्राजील और हंगरी समेत 60 से अधिक देशों में कोवैक्सिन के लिए नियामकीय मंजूरी (regulatory approvals) की प्रक्रिया चल रही है।
“ईयूएल (EUL) के लिए आवेदन डब्ल्यूएचओ-जिनेवा (WHO-Geneva) को प्रस्तुत किया गया है। जुलाई-सितंबर 2021 के दौरान नियामकीय मंजूरी मिलने की उम्मीद है।”
भारत बायोटेक ने एक विज्ञप्ति में बताया।
भारत बायोटेक ने भारत सरकार के अधिकारियों को बताया था कि कोवैक्सिन के ईयूएल के लिए आवश्यक 90 प्रतिशत दस्तावेज डब्ल्यूएचओ को जमा कर दिए गए हैं और शेष जून में दाखिल होने की उम्मीद है।
इसके एक दिन बाद कंपनी की ओर से यह जानकारी जारी की गई। फर्म ने कहा था कि वह डब्ल्यूएचओ (WHO) की मंजूरी प्राप्त करने के बारे में "आश्वस्त" है।
गोपनीय है : WHO
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, आपातकालीन उपयोग प्रक्रिया के तहत प्रीक्वालिफिकेशन या लिस्टिंग के लिए इसे प्रस्तुत करना गोपनीय है।
यदि मूल्यांकन के लिए सबमिट किया गया कोई उत्पाद लिस्टिंग के मानदंडों को पूरा करता पाया जाता है, तो WHO परिणामों को व्यापक रूप से प्रकाशित करेगा।
"अधिक जानकारी की आवश्यकता है" -
हालांकि डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर 18 मई के मार्गदर्शन दस्तावेज में नवीनतम 'WHO EUL/PQ मूल्यांकन प्रक्रिया के भीतर COVID-19 टीकों की स्थिति' के बारे में जानकारी दी गई है।
दस्तावेज में उल्लेख है कि; भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (Expression of Interest/EOI/ईओआई) यानी रुचि की अभिव्यक्ति प्रस्तुत की एवं इसमें "और अधिक जानकारी की आवश्यकता है।" मार्गदर्शन दस्तावेज के मुताबिक सबमिशन मीटिंग अपेक्षित है।
WHO अप्रूव्ड वैक्सीन -
आपको बता दें दरअसल वैक्सीन के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि केवल डब्ल्यूएचओ अनुमोदित टीके लगवाने वालों को ही वैक्सीन पासपोर्ट देने की चर्चा है।
भारत सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित लगभग 2 करोड़ भारतीयों को अब तक भारत में कोवैक्सिन (Covaxin) दिया जा चुका है।
आवेदन स्थिति पर मंथन -
विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय और बायोटेक विभाग ने भारत बायोटेक के एमडी डॉ. वी. कृष्ण मोहन और उनके सहयोगियों के साथ चर्चा की है। इस बैठक में कोवैक्सिन के डब्ल्यूएचओ के ईयूएल के लिए आवेदन की स्थिति पर मंथन हुआ।
11 देशों से अनुमोदन हासिल -
बैठक के दौरान, यह नोट किया गया कि कोवैक्सिन को पहले ही 11 देशों से विनियामक अनुमोदन प्राप्त हो चुका है।
सूत्रों ने कहा कि कोवैक्सिन के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उत्पादन के लिए 7 देशों की 11 अन्य कंपनियों की भी दिलचस्पी थी।
डब्ल्यूएचओ द्वारा इसके अन्य टीकों को पूर्व-योग्यता प्राप्त करने के अपने अनुभव को देखते हुए भारत बायोटेक डब्ल्यूएचओ ईयूएल प्राप्त करने के बारे में आश्वस्त है।
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