एचडीएफसी व आईसीआईसीआई बड़े बैंक, नहीं के बराबर है इनके डूब जाने की संभावना : RBI
हाईलाइट्स
घरेलू स्तर पर वित्तीय प्रणाली के लिहाज से महत्वपूर्ण बने हुए दोनों बैंक।
ये इतने बड़े बैंक हैं कि इनके डूबने की संभावना नहीं है।
सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा भारत।
राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने एक बयान में कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक घरेलू स्तर पर वित्तीय प्रणाली के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंक बने हुए हैं। देश में वित्तीय प्रणाली के स्तर पर ये इतने बड़े बैंक हैं कि इनके डूबने की संभावना नहीं है। आरबीआई ने कहा वित्तीय प्रणाली के स्तर पर ये इतने बड़े बैंक हैं कि इनके डूबने की संभावना नहीं के बराबर हैं। ऐसे संस्थानों को प्रणाली के स्तर पर महत्व (एसआईएस) के आधार पर चार श्रेणी में रखा जाता है। आरबीआइ अगस्त 2015 से हर साल इसी महीने में वित्तीय प्रणली के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंकों के नामों की जानकारी देता है।
देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि जहां आइसीआइसीआइ बैंक पिछले साल की तरह ही श्रेणी आधारित संरचना में बना हुआ है, जबकि एसबीआइ और एचडीएफसी बैंक उच्च श्रेणी में चले गए हैं। एसबीआइ श्रेणी (बकेट) तीन से श्रेणी चार में स्थानांतरित हो गया और आईसीआईसीआई बैंक श्रेणी एक से श्रेणी दो में आ गया गया है। इसका मतलब यह है कि इन बैंकों को जोखिम भारांश परिसंपत्तियों (आरडबल्यूए) के प्रतिशत के रूप में अतिरिक्त सामान्य इक्विटी शेयर पूंजी (टियर 1) को पूरा करना होगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। केंद्रीय बैंक किसी भी जोखिम को रोकने के लिए शीघ्र और निर्णायक रूप से काम कर रहा है। केंद्रीय बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के 28वें अंक की प्रस्तावना में दास ने कहा है कि वित्तीय क्षेत्र के लचीलेपन को मजबूत करना, विकास के नए अवसर पैदा करना और समावेशी व हरित विकास को प्रोत्साहन देना केंद्रीय बैंक की प्राथमिकताओं में शामिल है।
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