हाइलाइट्स :
सरकार ने काले गहने के खिलाफ उठाया दूसरा कदम
सोने से जुड़ा लिया बड़ा फैसला
अब सरकार को दिखाना होगा गहनों की रसीद
की जाएगी एमनेस्टी स्कीम लागू
हो सकते हैं कई अन्य ऐलान
राज एक्सप्रेस। आजकल ज्यादातर लोग अपने सोने के गहने-जेवरात बैंकों के लॉकर में रखते हैं, लेकिन कुछ लोग आज भी ऐसे है जो अपने गहने-जेवरात घर पर ही रखना पसंद करते हैं, अगर आप भी उन लोगो में से हैं तो, ज़रा ध्यान दें, यह खबर हो सकती है आपके काम की। सरकार ने अब ऐसे लोगों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है, जी हां अब आपको अपने घर में रखे सभी सोने के गहनों की रसीद सरकार को दिखाना (Gold Receipt) होगी।
काले धन पर फिर लगेगी लगाम :
जिस तरह सरकार ने काले धन के खिलाफ एक कदम नोटबंदी करके उठाया था, वहीं अब सरकार एक कदम और काले धन के खिलाफ उठाने जा रही है। दरअसल, कुछ लोग काले धन से सोना खरीद कर रख लेते है, जिससे उनका पैसा नजरों में नहीं आता है और अभी तक सरकार ने ऐसा कोई नियम नहीं लागू किया था कि, जिसके तहत आपसे गहनों का भी हिसाब माँगा जाता हो, लेकिन अब सरकार ने फैसला लिया है कि, अगर कोई एक निश्चित मात्रा से ज्यादा सोना बगैर रसीद रखता है तो उसे उसकी जानकारी कीमत सहित सरकार को देनी होगी। इसके लिए इनकम टैक्स एक नई एमनेस्टी स्कीम लाने की तैयारी में है। इसके अलावा मंदिर और ट्रस्ट के सोने को भी प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने के ऐलान किया जा सकता हैं।
क्या है यह स्कीम :
एमनेस्टी स्कीम एक ऐसी स्कीम है जिसके द्वारा सोने की कीमत निर्धारित करने के लिए वैल्यूएशन सेंटर से सर्टिफिकेट लेना पड़ता है। यदि किसी के पास बगैर रसीद का सोना प्राप्त होता है तो, उसे उस सोने की निर्धारित मात्रा के बदले टैक्स चुकाना पड़ता है। यह स्कीम एक मुख्य समय के लिए लागू की जाती है। जैसे ही यह समय सीमा खत्म होती है उसके बाद यदि किसी के पास बिना रसीद का सोना पाया जाता है, तो उसे जुर्माना देना पड़ता है। सरकार की गोल्ड को प्रोडक्टिव इनवेस्टमेंट के रूप में विकसित करने के मकसद से यह सभी कदम उठा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि, यह कॉन्टेक्ट IIM के प्रोफेसर की सिफारिश पर तैयार किया गया है।
हो सकते हैं कई अन्य ऐलान :
आपके पास उपलब्ध सोने को संपत्ति के रूप में बढ़ावा देने को लेकर एलान हो सकता है। जिसके लिए सोवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को मुख्य रूप देने के लिए कुछ बदलाव किये जा सकते हैं।
हो सकता है, सोवरन गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट को मोर्गेज करने का भी विकल्प जोड़ा जाये।
गोल्ड बोर्ड निर्माण का ऐलान भी किया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय ने भेजा प्रस्ताव :
वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस स्कीम का एक कॉन्ट्रेक्ट तैयार कर लिया है, जिसे वित्त मंत्रालय द्वारा एक प्रस्ताव के रूप में कैबिनेट के पास भेज दिया गया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। हालांकि, कैबिनेट में इस मुद्दे पर अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में ही चर्चा होनी थी, लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा के राज्य चुनाव के कारणवश चर्चा नहीं हो पाई थी।
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