राज एक्सप्रेस। देश की केंद्र सरकार द्वारा पीछे कुछ सालों में कई बदलाव किए गए हैं। वहीं, अब मोदी सरकार किरायदारों के हित के लिए जल्द ही 'आदर्श किराया कानून' (Model Tenancy Act) लागू करने जा रही है। सरकार के अनुसार, देश में आदर्श किराया कानून के लागू होते ही किराए के घरों को प्रोत्साहन मिलेगा। बताते चलें, इस कानून के लागू होने से इसका फायदा किराएदार सहित मकान मालिक को भी होगा। इस बारे में जानकारी आवास एवं शहरी मामलों के सचिव ने दी।
आवास एवं शहरी मामलों के सचिव ने बताया :
बताते चलें, आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, 'साल 2011 की जनगणना के मुताबिक 1.1 करोड़ घर खाली हैं क्योंकि लोग अपना घर किराए पर देने में हिचकिचाते हैं। आदर्श किराया कानून से सभी कमियां दूरी होंगी और रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। इस कानून के तहत किसी भी किराएदार को मकान मालिक द्वारा तय किए गए रेंट एग्रीमेंट में तय किए गए समय से पहले नहीं निकाला जा सकेगा। भले ही किराएदार ने लगातार दो महीने तक भी किराया न दिया हो या मकानमालिक का मकान गलत कामों के लिए इस्तेमाल कर रहा हो।
क्या है आदर्श किराया कानून ?
आदर्श किराया कानून किराएदार की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए लागू किया जाता है। इस कानून के तहत कोई भी मकान मालिक बिना किसी पूर्व जानकारी के अचानक से घर पर नहीं पहुंच सकता। यदि मकान मालिक को किसी काम से घर जाना है तो, उसे किराएदार को 24 घंटे पहले एडवांस में लिखित नोटिस देना होगा। इसके अलावा इस कानून के आने के बाद मकान मालिक घर किराए पर देने के लिए किराएदार से सिक्योरिटी डिपॉजिट्स के तौर पर दो महीने से ज्यादा का नहीं मांग सकेगा। इसके अलावा यदि किरायदार तय की गई अवधि के अंदर मकान या दुकान खाली नहीं करता है तो, मकान मालिक को अगले दो महीने तक किरायदार से दोगुना और दो महीने के बाद उससे चार गुना किराया वसूलने का पूरा अधिकार दिया गया है।
कानून के तहत अन्य नियम :
प्रॉपर्टी या बिल्डिंग की ढांचे की देखभाल के लिए किरायेदार और मकान मालिक दोनों ही जिम्मेदार होंगे।
अगर मकान मालिक बिल्डिंग या फ्लैट के ढांचे में कुछ सुधार कराता है तो रेनोवेशन का काम खत्म होने के एक महीने बाद मकानमालिक को किराया बढ़ाने की इजाजत होगी।
मकानमालिक को किराया बढ़ाने से पहले किरायेदार की सहमति लेना भी जरूरी होगा।
इस कानून का फायदा उन मकान मालिकों या दुकान मालिकों को नहीं मिलेगा जिन्होंने पुराने एग्रीमेंट के हिसाब से कम किराए पर मकान किराए पर दिया है।
नोट : केंद्र सरकार द्वारा यह कणों लागू किया जाएगा, लेकिन अलग अलग राज्य की सरकार चाहें तो इसे अपने राज्यों लागू न करने की इच्छा जाता सकती हैं।
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