जीएसटी मुआवजे पर सरकार का यूटर्न

जीएसटी के मुआवजे के मुद्दे पर यूटर्न लेते हुए केंद्र सरकार ने खुद 1.10 लाख करोड़ रुपए कर्ज लेकर लोन के रूप में राज्यों को देने का फैसला किया है।
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राज एक्सप्रेस। जीएसटी के मुआवजे के मुद्दे पर यूटर्न लेते हुए केंद्र सरकार ने खुद 1.10 लाख करोड़ रुपए कर्ज लेकर लोन के रूप में राज्यों को देने का फैसला किया है। इसे सरकार का मास्टर स्ट्रोक और स्मार्ट कैलकुलेशन माना जा रहा है। इसकी वजह यह है कि इस लोन से केंद्र सरकार के राजकोषीय घाटे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और इस राशि को राज्‍य सरकारों की पूंजीगत प्राप्ति के रूप में दिखाया जाएगा। इससे जीएसटी मुआवजान के मामले में राज्य सरकारों के साथ केंद्र का टकराव कम हो जाएगा। इससे पहले इससे पहले सोमवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार ने राज्यों को खुद लोन लेने का सुझाव दिया था, जिसे राज्य सरकरों ने नकार दिया था। राज्यों ने इस मुद्दे पर कोर्ट जाने की धमकी दी थी। इसके बाद केंद्र ने राज्यों के साथ टकराव को कम करने के लिए खुद लोन लेकर राज्यों को यह राशि मुहैया कराने का फैसला किया। केंद्र सरकार के इस फैसले का राज्य सरकारों ने स्वागत किया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने 2.35 लाख करोड़ रुपयए की जगह केवल 1.10 लाख करोड़ रुपए ही कर्ज लेने की बात कही है। इस बात से राज्य सरकारें अभी भी नाराज हैं। केरल के वित्त मंत्री ने कहा है कि जब केंद्र सरकार लोन ले ही रही है और उनके राजस्व घाटे पर कोई असर भी नहीं पड़ेगा, तो जीएसटी मुआवजे की पूरी रकम कर्ज के तौर पर क्यों नहीं ले रही।

केंद्र सरकार का स्मार्ट कैलकुलेशन :

केंद्र सरकार द्वारा खुद लोन लेकर कर्ज में रूप में राज्यों को 1.10 लाख करोड़ रुपए देने का फैसले से राज्य सरकारों को केवल यह फायदा होगा कि उन्हें कम ब्याज दर पर कर्ज मिल जाएगा, क्योंकि राज्य सरकारों के मुकाबले केंद्र सरकार को कम रेट पर लोन मिलता है। साथ ही इससे सरकार के राजकोषीय घाटे पर कोई असर भी नहीं पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से राज्यों का केंद्र पर विश्वास बहाल होगा और टकराव कम होगा। केंद्र और राज्यों के बीच विवाद का विषय बने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में यह अहम कदम माना जा रहा है। कोविड-19 संकट के चलते अर्थव्यवस्था में नरमी से जीएसटी संग्रह कम रहा है। इससे राज्यों का बजट गड़बड़ाया है।

फंड जुटाने के लिए टाइमटेबल जारी :

केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी मुआवजे के लिए बाजार से 1.10 लाख करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा के साथ ही एक्सट्रा फंड जुटाने के लिए टाइमटेबल जारी किया गया है। आरबीआई के साथ विचार विमर्श करने का बाद केंद्र सरकार ने यह कैलेंडर जारी किया है। इसके तहत वित्त वर्ष 2020-21 की शेष अवधि 19 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 के लिए भारत सरकार कुल मिलाकर 488000 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। साथ ही जीएसटी मुआवजे के लिए 3 और 5 साल की अवधि के लिए 55000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जुटाई जाएगी। वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि कोविड-19 संकट के दौरान होने वाले खर्च की भरपाई के लिए सरकार वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 4.34 लाख करोड़ रुपए का कर्ज उठाएगी। अब इस इस अतिरिक्त राशि के साथ दूसरी छमाही में कुल उधार बढ़कर 5.44 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।

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