सरकार कर रही 30 लाख टन गेहूं बेचने की तैयारी
सरकार कर रही 30 लाख टन गेहूं बेचने की तैयारीSocial Media

आटे की बढ़ती कीमत पर रोकथाम के लिए सरकार कर रही 30 लाख टन गेहूं बेचने की तैयारी

भारत सरकार गेहूं की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने का पूरा प्रयास कर रही है। बताया जा रहा है कि, सरकार गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए नए कदम उठा रही है।
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राज एक्सप्रेस। भारत सरकार गेहूं की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने का पूरा प्रयास कर रही है। बताया जा रहा है कि, सरकार गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए नए कदम उठा रही है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में सेल करने की अनुमति दे सकती है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि सरकार गेहूं और आटे की कीमतों को काबू में करना चाहती है।

गेहूं का स्टॉक :

आपको बता दें कि इस समय आटे की कीमतें आसमान छू रही है। प्रति किलो आटा 38 रुपए हो गया है। इसे लेकर सूत्रों ने जानकारी दी है कि खाद्य मंत्रालय ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत 30 लाख टन गेहूं का स्टॉक आटा मिलों और व्यापारियों को सेल कर सकता है। इसे लेकर खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने 19 जनवरी को गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी की जानकारी दी थी और यह भी कहा था कि, 'सरकार जल्द ही बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाएगी।'

क्या है OMMS पॉलिसी :

भारतीय सरकार द्वारा गेहूं चावल की कीमतों में तालमेल बैठाने के लिए समय-समय पर थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को खुले बाजार में पूर्व निर्धारित कीमतों पर गेहूं और चावल जैसे अनाजों को बेचने की अनुमति मिलती है। सरकार की इस पॉलिसी का मकसद मंदी के दौर में आपूर्ति को बढ़ावा देना और सामान्य खुले बाजार की कीमतों को कम करना है। वहीं, फिलहाल महंगाई को देखते हुए आटा मिलों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें एफसीआई से गेहूं के स्टॉक को सेल की अनुमति मिले। बता दें कि इससे पहले संजीव चोपड़ा ने मीडिया से बातचीत में इस बात को स्वीकार किया था कि आटे और गेहूं के दाम बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार कई ऑप्शंस के साथ कीमत कम करने के कदम उठा रही है। यह भी पता चला था कि FCI के गोदामों में गेहूं और चावल का अच्छा खासा स्टॉक है।

गेहूं की सेल में आई गिरावट :

आखिर में आपको बताते चलें कि, सरकार ने मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार ने ऐसा इसलिए किया था, क्योंकि घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई की खरीद में कमी आ रही थी। खास बात तो यह भी रही है कि साल 2021 और 22 से गेहूं उत्पादन 106.84 मिलियन टन हो गया है। जो पहले 109.59 मिलियन टन रहा करता था। वहीं, गेहूं की सेल में भी गिरावट देखने को मिली है।

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