ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर सरकार हुई सख्त
ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर सरकार हुई सख्तSocial Media

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री द्वारा हुई टैक्स चोरी व फर्जीवाड़े के बाद सरकार हुई सख्त

बीते कुछ समय से गेमिंग इंडस्ट्री तेजी से ग्रोथ कर रही है।इसी बीच खबर आई है कि, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर सरकार सख्त हो गई है। क्योंकि, इस इंडस्ट्री से टैक्स चोरी व फर्जीवाड़े की खबर सामने आई है।
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राज एक्सप्रेस। देश दुनिया में गेम खेलने का चलन तब से ही है जब से मोबाईल फोन का निर्माण हुआ है। पहले सांप और पज़ल वाला गेम छोटे मोबाईल फोन में आया करते थे, लेकिन स्मार्टफोन ने तो जैसे गेमिंग इंडस्ट्री के पर लगा दिए हो। अब तो मार्किट में अनेक तरह के गेम मौजूद है। जिससे आज हर उम्र के युवा गेम खेलना पसंद करने लगे है, चाहें वो छोटे बच्चे हो या कोई वरिष्ठ। इसी के चलते आज गेमिंग इंडस्ट्री अपने आप में एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री बन गई है और यह इंडस्ट्री काफी तेजी से ग्रोथ कर रही है। इसी बीच खबर आई है कि, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर सरकार अब सख्त हो गई है। क्योंकि, इस इंडस्ट्री से टैक्स चोरी व फर्जीवाड़े की खबर सामने आई है।

गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर सरकार हुई सख्त :

दरअसल, आज जब हर वर्ग के युवा गेम खेलना पसंद करने लगे हैं तो, हर तरह के गेम भी लांच होने लगे हैं। इसी का नतीजा है गेम खेलने वालों की संख्या में भी बढ़त दर्ज हुई है और इसी का नतीजा यह भी है कि, बीते कुछ सालों में घरेलू ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ काफी तेजी से बढ़ी है। जहां हाल ही में यह खबर आई थी वहीं, अब यह खबर सामने आई है कि, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री द्वारा टैक्स चोरी व फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद अब केंद्र सरकार ने सख्ती का रास्ता अपना लिया है। बता दें, बीते तीन साल के दौरान देशभर में लोगों द्वारा मात्र ऑनलाइन गेम खेलकर 58 हजार करोड़ रुपये की रकम हासिल की है, लेकिन इस पर किसी प्रकार का कोई टेक्स नहीं चुकाया गया है।

छह साल से नहीं दिया GST :

गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर यह बड़ा खुलासा हुआ है कि, गेमिंग इंडस्ट्री द्वारा छह साल से यूनिकॉर्न स्टार्टअप गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी के वस्तु एवं सेवाकर (GST) नहीं चुकाया है। इतना ही नहीं कंपनी ने जुए के लिए ग्राहकों को फर्जी इनवॉयस भी जारी किए। इस मामले में हुई फोरेंसिक जांच से यह बात सामने आई है कि, 'ग्राहकों के वॉलेट में रकम आने के बाद उसे निकालने का कोई तरीका नहीं है। इसके अलावा हैरान कर देने वाला यह तथ्य भी सामने आया कि, 'सात महीने पहले ही प्रतिबंधित की जा चुकी कंपनी अपना धंधा अब तक जारी रखे हुए है। जबकि, दूसरी कंपनी यूजर्स द्वारा 2,850 करोड़ रुपये की वसूली कर चुकी है। ED ने मंगलवार को इन कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।

CBDT के प्रमुख ने दी जानकारी :

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के प्रमुख नितिन गुप्ता ने मंगलवार को जन्ल्कारी देते हुए बताया है कि, 'आयकर विभाग ने ऑनलाइन गेम खेलने और जीतने वाले लोगों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। गड़बड़ी के सबूत मिलने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कार्रवाई शुरू करेगा। ऐसे सभी विजेताओं को नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिनकी आय व कर भुगतान में कोई मेल नहीं है। हमारे पास सभी लोगों का डाटा है, जिन्होंने तीन साल में ऑनलाइन गेमिंग से 58,000 करोड़ रुपये जीते हैं। नोटिस कर अनुपालन पोर्टल पर हैं। सभी को स्वेच्छा से कर चुकाने के लिए कहा जा रहा है।'

भेजा गया नोटिस :

बताते चलें, GST चोरी मामले में में बंगलूरू की ऑनलाइन गेमिंग कंपनी 'गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी' (Gamescraft Technology) को 21 हजार करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया गया है। आपको जान कर हैरानी होगी कि, अप्रत्यक्ष कर के इतिहास में इससे बड़ी रकम वाला नोटिस आज तक जारी नही किया गया है। यह नोटिस साल 2017 से 30 जून, 2022 की अवधि का है। इन सब के अलावा कंपनी पर कार्ड, कैजुअल, रमी कल्चर, गेम्जी व रमी टाइम जैसे फैंटेसी गेम के जरिये ऑनलाइन बेटिंग को बढ़ावा देने का भी आरोप लगा है। GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने पहले 8 सितंबर को भेजे नोटिस में कहा था कि, 'कंपनी ने जो टैक्स चुकाया, उसकी गणना गलत तरीके से की थी। बेटिंग से जुड़ी 77 हजार करोड़ रुपये की रकम पर 28% टैक्स है।'

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