Anil Agrawal
Anil AgrawalSocial Media

हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी जल्द बेचे सरकार, सरकार नहीं बोर्ड के पास होना चाहिए नियंत्रण : अनिल अग्रवाल

अनिल अग्रवाल ने कहा सरकार इस विनिवेश के माध्यम से 40 हजार-50 हजार करोड़ रुपए जुटा सकती है। सरकार मार्केट में अपने शेयरों की बिक्री नहीं करती है, तो हिंदुस्तान जिंक का कारोबार सिकुड़ना शुरू हो जाएगा।
Published on

राज एक्सप्रेस। देश के प्रमुख कारोबारी समूह वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल (Anil Agrawal) ने सरकार को हिंदुस्तान जिंक में अपनी 29 फीसदी हिस्सेदारी जल्द बेचने की बात कही है। अनिल अग्रवाल ने कहा सरकार 20 साल पहले हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) अपनी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने पर सहमत हुई थी, लेकिन बाद में पता नहीं किन वजहों से ऐसा नहीं हो पाया। अनिल अग्रवाल ने कहा केंद्र सरकार (Central Government) को इस प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनी का नियंत्रण सरकार के हाथों में नहीं, कंपनी के संचालक मंडल के हाथों में होना चाहिए। अनिल अग्रवाल ने कहा कि तभी कंपनी स्वाभाविक गति से काम कर सकेगी। उन्होंने आगाह किया कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो अगले दिनों में इसके नकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

विनिवेश के माध्यम से सरकार जुटा सकती है 40-50 हजार करोड़ रुपए

देश के प्रमुख कारोबारी अनिल अग्रवाल ने सरकार से हिंदुस्तान जिंक में अपनी 29 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को कहा है। अनिल अग्रवाल के मुताबिक करीब 20 साल पहले हिंदुस्तान जिंक में अपनी हिस्सेदारी 100 फीसदी बेचने पर सरकार सहमत हुई थी, लेकिन अभी तक यह नहीं हो सका है। वेदांता के मालिक का कहना है कि सरकार को इस प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इस विनिवेश के माध्यम से 40 हजार-50 हजार करोड़ रुपए जुटा सकती है।

सरकार ने हिस्सा नहीं बेचा तो सिकुड़ने लगेगा हिंदुस्तान जिंक का कारोबार

वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा उनका सिर्फ एक ही लक्ष्य है, हिंदुस्तान जिंक के कारोबार को दोगुना करना। अगर सरकार अपनी हिस्सेदारी बेच देती है, तो कंपनी बड़े फैसले ले सकेगी। अनिल अग्रवाल के मुताबिक सरकार ने मार्च में शेयरों की बिक्री की बात कही थी, तो फिलहाल हम इसी का इंतजार कर रहे है। उन्होंने आगाह किया कि अगर सरकार मार्केट में अपने शेयरों की बिक्री नहीं करती है, तो हिंदुस्तान जिंक का कारोबार सिकुड़ना शुरू हो जाएगा।

वेदांता की विदेश में मौजूद एसेट्स खरीदना चाहती है हिंदुस्तान जिंक

हिंदुस्तान जिंक वेदांता की विदेशों में मौजूद जिंक एसेट्स को खरीदना चाहती है। हालांकि सराकर इस सौदे का विरोध कर रही है। वेदांता ने 19 जनवरी को जानकारी दी थी कि इसके बोर्ड ने 298.1 करोड़ डॉलर में इस सौदे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। वेदांता के पास ये एसेट्स अपनी पूरी हिस्सेदारी वाली सब्सिडियरी टीएचएल जिंक वेंचर्स लिमिटेड (म़ॉरीशस) के जरिए है। ये एसेट्स हिंदुस्तान जिंक की पूरी हिस्सेदारी वाली सब्सिडियरी को चरणबद्ध तरीके से सौंपने का प्रस्ताव है।

Anil Agrawal
कम ब्याज पर फंड मैनेज नहीं कर पाए तो कारोबारी दुष्चक्र में फंस सकते हैं वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल

माइनारिटी शेयर होल्डरों के खिलाफ बताकर सरकार कर रही है इस सौदे का विरोध

हालांकि सरकार ने इस सौदे का विरोध इस आधार पर किया कि यह माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के खिलाफ है और कॉरपोरेट गवर्नेंस के नॉर्म्स का उल्लंघन करता है। हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी (सीईओ) अरुण मिश्र ने कहा कि इस संपनी में केंद्र सरकार एक महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर है और बोर्ड के फैसले में मेजॉरिटी-माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की मंजूरी की जरूरत है। उन्होंने कहा शेयरधारकों की बैठक बुलाने और मंजूरी हासिल करने के लिए तीन महीने का समय है। अगर डील हो जाती है तो ठीक है, नहीं हो पाती है तो बोर्ड अगले कदम को लेकर फैसला लेगा।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com