राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के चलते लगभग देश की सभी छोटी- बड़ी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। लॉकडाउन के चलते लगभग सभी कंपनियों के काम रुक गए हैं। हालांकि, कुछ कंपनियां ऐसी हैं जिनमें कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करके कंपनी के कार्य को बैलेंस कर रहे हैं, लेकिन कुछ कंपनियां ऐसी हैं जिनमें घर बैठे कोई कार्य संभव नहीं है। इन कंपनियों में रीयल एस्टेट कंपनियां भी शामिल हैं। वहीं, अब सरकार ने रीयल एस्टेट कंपनियों को बड़ी राहत देने पर विचार किया है।
रीयल एस्टेट कंपनियों को बड़ी राहत :
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रीयल एस्टेट कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए रीयल्टी परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा छह महीने और बढ़ाने की घोषणा की है। उनका कहना है कि, "रीयल एस्टेट नियमन एवं विकास कानून यानी RERA (रेरा) कानून के तहत कोरोना वायरस महामारी को दैवीय आपदा माना जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा है कि, "आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के रीयल एस्टेट नियामकों को परामर्श जारी कर कोविड-19 को दैवीय आपदा के रूप में लेने को कहेगा, जिससे RERA कानून के तहत इसे मनुष्य के वश से बाहर की आपदा माना जाएगा। इससे बिल्डरों को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए और समय दिया जा सकेगा। यह राहत RERA के तहत पंजीकृत उन सभी परियोजनाओं को मिलेगी, जिनकी समय सीमा 25 मार्च या उसके बाद समाप्त हो रही है।"
रीयल एस्टेट क्षेत्र की मांग :
बता दें, रीयल एस्टेट क्षेत्र मांग थी कि, परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा को कम से कम छह महीने के लिए बढ़ाया जाए। जिससे उन्हें थोड़ा समय मिल जाए, कोरोना जैसी आपदा से हुए नुकसान से बाहर निकल सकें। बताते चलें, कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन 25 मार्च से ही शुरू हुआ है। इसलिए ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएं 25 मार्च या उसके बाद समाप्त होने वाली परियोजनाओं को ही मिलेगी।
निर्माण कार्य पूरी तरह ठप :
उद्योग जगत का कहना था राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू प्रतिबंधों की वजह से निर्माण कार्य पूरी तरह ठप है। इस फैसले की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि, आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय इस बारे में राज्यों और उनके नियामकीय प्राधिकरणों को कोविड19 को रेरा के तहत अप्रत्याशित घटना मानने के लिए परामर्श जारी करेगा।
जरूरत पड़ने पर बढ़ाई जा सकती है समय सीमा :
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि, नियामक 25 मार्च या उसके बाद पूरी होने वाली सभी पंजीकृत परियोजनाओं के लिए स्वत: समय सीमा छह माह तक बढ़ा सकेंगे। जरूरत होने पर इन परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा तीन महीने और बढ़ाई जा सकेगी।
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