सरकार ने बदले भारतीय सीमा से सटे देशों के लिए व्यापारिक नियम

भारत के पडोसी देशों से चल रही अनबन और सीमा विवाद को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने व्यापर नियम को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने व्यापारिक नियमों में बदलाव करने का ऐलान कर दिया है।
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Business RulesKavita Singh Rathore -RE
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राज एक्सप्रेस। भारत के पडोसी देशों से चल रही अनबन और सीमा विवाद को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने व्यापर नियम को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने व्यापारिक नियमों में बदलाव करने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले का सीधा असर चीन सहित अनेक ऐसे देशों पर पड़ेगा जिनके द्वारा भारत में सार्वजनिक खरीद की जाती है। क्योंकि सरकार का इन नियमों को बदलने का मुख्य मकसद ही सार्वजनिक खरीद पर नियंत्रण लगाना है।

व्यापारिक नियमों में बदलाव :

दरअसल, भारत सरकार द्वारा व्यापारिक नियमों में बदलाव करते हुए भारत की सीमाओं से लगे हुए देशों से सार्वजनिक खरीद पर नियंत्रण लगा दिया है। साथ ही बदलावों के तहत भारत की सीमा से सटा कोई भी देश या कंपनी सुरक्षा मंजूरी और विशेष समिति के पास पंजीकरण करने के बाद ही टेंडर भर सकेगी। इसको लेकर सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है।

सरकार का आधिकारिक बयान :

भारत की सरकार द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान के अनुसार, सामान्य वित्तीय नियम, 2017 को संशोधित कर दिया गया है जिससे सीमा से सटे देशों के बोलीदाताओं (बिडर्स) पर नियंत्रण रखा जा सके। भारत सरकार और व्यय विभाग ने व्यापारिक नियमों में इन बदलाव का कारण देश की रक्षा और सुरक्षा को बताया है। इस बयाना के अनुसार, इन देशों की कोई भी कंपनी जब उचित प्राधिकरण के पास पंजीकृत होगी तब ही भारत में सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए वस्तुओं, सेवाओं की आपूर्ति के अनुबंध या परियोजना कार्यों के लिए तभी बोली लगा सकेगी।

पंजीकरण समिति का गठन :

खबरों के अनुसार, इन कंपनियों के पंजीकरण के लिए उचित प्राधिकरण उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) एक पंजीकरण समिति गठित करेगा। जिसके लिए विदेश और गृह मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी मजूरी अनिवार्य होगी। बताते चलें, आदेश के दायरे में में पब्लिक सेक्टर बैंक, वित्तीय संस्थान, स्वायत्त निकाय, केंद्रीय लोक उपक्रम के साथ-साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाले प्रोजेक्ट भी शामिल किए जाएंगे। जो सरकार या उसके अंतर्गत आने वाली यूनिट्स से वित्तीय समर्थन लेती हैं।

कई तरह की छूट :

सरकार द्वारा किए गए बदलावों के तहत कई तरह की छूट भी दी गई है। जिसमें, राज्य सरकारों द्वारा खरीद के लिए उचित प्राधिकरण का गठन राज्य सरकार स्वयं करेगी, लेकिन इसके लिए भी राजनीतिक और सुरक्षा मंजूरी अनिवार्य होगी। इसके अलावा इन छूटों में कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने के लिए 31 दिसंबर तक चिकित्सा सामानों की आपूर्ति के लिए खरीद को शामिल किया गया है। बताते चलें, सरकार द्वारा अलग आदेश में ऐसे देशों को पूर्व पंजीकरण से छूट प्रदान की गई है। जिन्हें भारत सरकार की तरफ से लोन या विकास संबंधी सहायता उपलब्ध करायी गयी है।

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