बजट 2021 के तहत वैक्सीन फंड में आवंटित की गई राशि का सरकार कर सकती इस्तेमाल

इस बजट के तहत वैक्सीन से जुड़े भी कई बड़े ऐलान किये गए थे और वैक्सीन फंड में कुछ राशि आवंटित की गई थी। जिनका इस्तेमाल सरकार अब कर सकती है। इस बारे में जानकारी वित्त मंत्रालय ने दी है।
बजट 2021 के तहत वैक्सीन फंड में आवंटित की गई राशि का सरकार कर सकती इस्तेमाल
बजट 2021 के तहत वैक्सीन फंड में आवंटित की गई राशि का सरकार कर सकती इस्तेमालSyed Dabeer Hussain - RE
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राज एक्सप्रेस। हर साल की तरह इस साल भी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में देश का केंद्रीय बजट 2021 पेश किया था। इस बार यह बजट डिजिटल माध्यम से टेब से पेश किया गया है। क्योंकि, यह बजट कोरोना वायरस जैसी जानलेवा बीमारी के बीच पेश किया गया। यह बजट हर साल से अलग इसलिए भी था क्योंकि, जब यह पेश किया गया तब देश पहले ही काफी आर्थिक मंदी झेल चुका था। इस बजट के तहत वैक्सीनेशन से जुड़े भी कई बड़े ऐलान किये गए थे। जिनका इस्तेमाल सरकार अब कर सकती है।

वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी :

दरअसल, इस साल जब बजट पेश किया गया था, तब देश की सरकार पहले से ही कोरोना से बने हालातों का सामना कर रही थी। इसलिए इस साल के बजट में वैक्सीन पर होने वाले खर्च का भी ऐलान किया गया था और वैक्सीन फंड में कुछ राशि आवंटित की गई थी। वहीं, अब सरकार इसको इस्तेमाल करने का विचार कर रही है। इस बारे में जानकारी वित्त मंत्रालय ने दी है। मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि, '2021-22 के बजट में 'राज्यों को अंतरण' शीर्षक के तहत वैक्सीनेशन के लिए आवंटित 35,000 करोड़ रुपये की राशि का केंद्र द्वारा कोरोना के टीके के लिए इस्तेमाल करने पर कोई रोक नहीं है।'

35,000 करोड़ रुपये का प्रवधान :

वित्त मंत्रालय द्वारा आगे जानकारी देते हुए बताया गया है कि, 'अप्रैल से शुरू चालू वित्त वर्ष के लिए अनुदान मांगों की संख्या 40 में प्रशासनिक सुविधाओं की दृष्टि से राज्यों को अंतरण शीर्षक के तहत 35,000 करोड़ रुपये का प्रवधान किया गया है। एक राशि के इस्तेमाल में यह सुविधा दी गई है कि, इस पर व्यय के तिमाही नियंत्रण वाले प्रतिबंध लागू नहीं होते हैं। इससे यह भी फायदा है कि, केंद्र टीके खरीदकर उन्हें राज्यों को अनुदान के रूप दे सकता है।'

वित्त मंत्रालय ने खारिज की रिपोर्ट :

वित्त मंत्रालय द्वारा ऐसी कई रिपोर्टो को खारिज किया जिसमे कहा गया कि, 'केंद्र सरकार ने कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर कोई प्रवधान नहीं किया है। जबकि मंत्रालय ने बताया है कि, 'वास्तव में वैक्सीन की खरीद और उसके लिए भुगतान केंद्र द्वारा इसी खाते से किया जा रहा है। वैक्सीन खर्च केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की केंद्र प्रायोजित सामान्य योजनाओं से हटकर एक बारगी खर्च है इसके लिए अलग धन रखा जाना इसकी बेहतर निगरानी और प्रबंधन में सहायक है। टीकाकरण मद में उपलब्ध कराई गई राशि को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा परिचालन में लाया जाता है। वैक्सीन खरीद कर उसे राज्यों को अनुदान के तौर पर उपलब्ध कराया जाता है जबकि वैक्सीन का वास्तविक प्रबंधन राज्यों द्वारा किया जाता है।'

मंत्रालय का कहना :

मंत्रालय ने कहना है कि, 'योजना की प्रकृति में बदलाव लाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर काफी लचीलापन रखा गया है। इसके तहत वस्तु अथवा दूसरे रूप में अनुदान किया जा सकता है। राज्यों को स्थानांतरण मद में रखी गई मांग का मतलब यह कतई नहीं कि केंद्र सरकार इसे खर्च नहीं कर सकती।'

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