वस्तु एवं सेवा कर देश की अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था से देश में वसूले जाने वाले करों की संख्या कम हुई और यह अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर है।
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राज एक्सप्रेस। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के बाद से ही लगातार GST में बदलावों के लिए काउंसिल बैठक की जाती है। इस बैठक में मुख्य भूमिका वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की होती है और वो ही बैठक की अध्यक्षता करती हैं। आज देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू हुए पूरे 4 साल हो चले हैं। क्योंकि, मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 को अप्रत्यक्ष कर की इस नई व्यवस्था को लागू किया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST कर को लेकर अपनी विचारधारा प्रकट की।

PM मोदी की GST को विचारधारा :

दरअसल, अब देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू हुए पूरे 4 साल हो गए है। GST व्यवस्था के चार साल पूरा होने के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा, "GST देश के आर्थिक परिदृश्य में मील के पत्थर की तरह है। इससे वसूले जाने वाले करों की संख्या में कमी आयी है तथा आम आदमी पर करों का बोझ भी कम हुआ है। साथ ही इससे पारदर्शिता , अनुपालन और कुल कर संग्रहण बढ़ा है।" प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार, देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने से कई बदलाव आये है। अब इस व्यवस्था के चलते अब तक वसूले जाने वाले करों की संख्या में कमी आई है। यह अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर है।

GST लागू करने की 5 मुख्य वजह :

बताते चलें, देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करने की 5 मुख्य वजह थी।

  1. महंगाई पर लगाम

  2. अनुपालन बोझ कम होगा

  3. टैक्स चोरी पर लगाम

  4. जीडीपी में इजाफा

  5. टैक्स कलेक्शन बढ़ जाएगा

भले, सरकार को GST से उम्मीद के अनुसार कामयाबी न मिली हो, लेकिन महंगाई के मामले मे सरकार ने काफी सफलता हासिल की है। इस मामले में वित्त मंत्रालय ने बताया है कि, अब तक (2017-2021) देश में कुल 66 करोड़ GST रिटर्न दाखिल की जा चुकी है।

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