9 तक रद्द की गईं गो फर्स्ट की उडानें, 15 तक टिकट बुकिंग रोकी, डीजीसीए ने कहा तुरंत लौटाएं यात्रियों का पैसा

गो फर्स्ट ने गुरुवार को 9 मई तक की अपनी सभी फ्लाइट्स सस्पेंड कर दी है। इसके साथ ही विमानन कंपनी ने 15 मई तक के लिए फ्लाइट की टिकटों की बुकिंग भी रोक दी है।
Go First
Go FirstSocial Media
Published on
2 min read

राज एक्सप्रेस। नकदी संकट से जूझ रही देश की 5वें नंबर की सबसे बड़ी निजी विमानन कंपनी गो फर्स्ट ने गुरुवार को 9 मई तक की अपनी सभी फ्लाइट्स सस्पेंड करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही विमानन कंपनी ने 15 मई तक के लिए फ्लाइट की टिकटों की बुकिंग भी रोक दी है। इससे पहले, सोमवार को गो फर्स्ट ने तीन दिन 3, 4 और 5 मई के लिए अपनी उड़ानें स्थगित कर दी थीं। जिससे इन उड़ानों का टिकट लेने वाले यात्रियों को काफी तकलीफ उठानी पड़ी थी। फ्लाइट्स कैंसिल करने की जानकारी मिलने के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने सख्त रुख अपनाते हुए उडा़नें स्थगित के बाद यात्रियों को किराए का पैसा तुरंत लौटाने को कहा है।

टिकट का पैसा वापस करेगी एयरलाइन

गो फर्स्ट की वेबसाइट के अनुसार विमानन कंपनी रोजाना 27 डोमेस्टिक और 8 अंतर्राष्ट्रीय ठिकानों के लिए 200 से ज्यादा उड़ाने संचालित करती है। एयरलाइन ने भी टिकटों का पैसा वापस करने की बात कही है। रिफंड ओरिजिनल पेमेंट मोड के जरिए किया जाएगा। मतलब, जिन लोगों ने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से टिकट का पेमेंट किया है, उनके क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में रिफंड दिखाई देगा। वहीं जिन्होंने यूपीआई और नेट बैंकिंग के माध्यम से पेमेंट किया है, उन्हें रिफंड सीधे उनके अकाउंट में मिलेगा।

एनसीएलटी से गो फर्स्ट को राहत नहीं

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने गोफर्स्ट की खुद से दायर की गई इन्सॉल्वेंसी यानी दिवालिया याचिका पर सुनवाई की। एयरलाइन ने एनसीएलटी से अंतरिम मोराटोरियम की मांग की थी। इंटरिम मोराटोरियम यानी लोन से जुड़े मामले में पेंडिंग कोई भी कानूनी कार्यवाही रुकी हुई मानी जाएगी। लेनदार किसी भी कर्ज के मामले में कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं कर सकेंगे। एनसीएलटी ने कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। एनसीएलटी ने कहा कि इनसॉलवेंसी एंड बैकरप्सी कोड (आईबीसी) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। गो फर्स्ट को लीज पर एयरक्राफ्ट देने वाली फर्म्स ने भी एनसीएलटी से कहा कि उन्हें एयरलाइन की इंटरिम मोराटोरियम की मांग पर गंभीर आपत्ति है। मोराटोरियम के गंभीर परिणाम होंगे।

इंजन न मिलने से पैदा हुई कैश की समस्या

कंपनी ने जस्टिस रामलिंगम सुधाकर की अगुवाई वाली बेंच को बताया कि उसने लीज खत्म कर दी है और अब वे विमान वापस पाने के हकदार हैं। लेसर्स ने कहा कि मेंटेनेंस और अन्य खर्चों को लेकर भी गो फर्स्ट का रिकॉर्ड ठीक नहीं हैं। कंपनी ने कहा कि यदि गो फर्स्ट को मोराटोरियम राहत दी जाती है, तो वे अपने ग्राउंडेड विमान को वापस नहीं ले पाएंगे। इंजन की सप्लाई से जुड़ी समस्या के कारण निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी वित्तीय संकट में जा फंसी है। एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरर प्रैट एंड व्हिटनी (पीडब्ल्यू) गो फर्स्ट को इंजन की आपूर्ति करनी थी, लेकिन उसने समय पर इंजन की आपूर्ति नहीं की। इंजन के साथ-साथ कलपुर्जों की आपूर्ति भी रोक दी गई। ऐसे में गो फर्स्ट को अपनी फ्लीट के आधे से ज्यादा विमानों का परिचालन रोकना पड़ा। फ्लाइट संचालित नहीं होने के कारण विमानन कंपनी के पास कैश की कमी हो गई। उसके पास ईंधन फ्यूल लेने तक के लिए भी पैसे नहीं बचे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com