राज एक्सप्रेस। अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से इंजन नहीं मिल पाने के कारण आर्थिक संकट में फंसी वाडिया समूह की विमानन कंपनी गो फर्स्ट ने अगले तीन दिन तक अपने विमानों का परिचालन रद्द कर दिया है। विमानन कंपनी ने अपने लगबग 50 विमानों को खड़ा कर दिया है। भारी आर्थिक संकट का सामना कर रही गो फर्स्ट एयरलाइन ने मंगलवार को एनसीएलटी में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए आवेदन कर दिया है। इस बीच गो फर्स्ट ने अपनी सभी उड़ानें आज से अगले तीन दिन के लिए स्थगित कर दी हैं। गो-फर्स्ट एयरलाइंस ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को इस फैसले की जानकारी जे दी है। गो फर्स्ट द्वारा तीन दिन के लिए विमान सेवाएं बंद करने के निर्णय पर डीजीसीए ने गो फर्स्ट को नोटिस भेजा है और 24 घंटे के भीतर संकटग्रस्त विमानन कंपनी से जवाब मांगा है।
वहीं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार संकटग्रस्त गो फर्स्ट एयरलाइन की हरसंभव मदद कर रही है। उन्होंने कहा, गो फर्स्ट को सरकार हर संभव सहायता कर रही है, और पूरी घटना पर नजर बनी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, गो फर्स्ट विमानन कंपनी लंबे समय से आर्थिक परेशानी का सामना कर रहा है। ऐसे में तेल कंपनियों के बकाया का भुगतान नहीं कर पाने के कारण एयरलाइंस ने ये बड़ा फैसला किया है। भारी वित्तीय संकट से घिरी एयरलाइन कंपनी के लिए इंजन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी ने सप्लाई बंद कर दी है। इसके चलते कंपनी के पास फंड की भारी कमी हो गई है।
एयरलाइंस गो फर्स्ट दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है। कंपनी ने एनसीएलटी में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए आवेदन दे दिया है। कंपनी ने कहा है कि उनके पास न तेल है और न ही पैसा। कंपनी के पास तेल कंपनियों का बकाया चुकाने के लिए भी पैसा नहीं है। इसके बाद एयरलाइंस ने अस्थाई तौर पर 3, 4 और 5 मई 2023 के लिए अपनी सभी उड़ानों को रद्द करने का निर्णय लिया है। गो फर्स्ट ने अपने एक बयान में कहा कि अगर पीएंडडब्ल्यू इंजन सप्लाई को पूरा करती है, तो एयरलाइन फिर से अगस्त-सितंबर 2023 तक अपनी पूरी क्षमता के साथ परिचालन शुरू कर देगी। धन की भारी कमी के बाद गो फर्स्ट एयरलाइन ने अपनी उड़ानों को फिलहाल तीन दिनों के लिए स्थगित किया है। विमानन कंपनी ने कहा है कि अब उसके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। कंपनी वित्तीय देनदारियों का दबाव झेल पाने की स्थिति में नहीं है।
नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइंस ने अमेरिकी इंजन कंपनी को इसके लिए दोषी बताया है। एयरलाइन ने कहा कि उनके बेड़े के 50 प्रतिशत विमानों का परिचालन ठप रहा। क्योंकि उन्हें अमेरिकी फर्म प्रैट एंड व्हिटनी से आर्डर के मुताबिक इंजन नहीं मिले। गो फर्स्ट एयरलाइन ने इंजनों की आपूर्ति में बाधा पैदा होने और विफल हो रहे इंजनों को कारण बताया। गो फर्स्ट एयरलाइन ने कहा कि अमेरिका की पीएंडडब्ल्यू इंटरनेशनल एयरो इंजन की आपूर्तियों में लगातार दिक्कतें आती रही। एयरलाइन ने कहा कि इंजन कंपनी पीएंडडब्ल्यू को 27 अप्रैल, 2023 तक कम से कम 10 स्पेयर लीज्ड इंजन और 10 और इंजन देने को कहा गया, लेकिन पीएंडडब्ल्यू ने ऐसा नहीं किया, जिसका असर उसकी कमाई पर पड़ा है। कंपनी की ओर से भेजे जा रहे इंजनों के विफल होने की संख्या बढ़ती रही। विफल इंजनों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण विमानन कंपनी को अपनी उड़ानें बंद करनी पड़ीं।
कंपनी की ओर से मिल रहे खराब इंजनों और वक्त पर सप्लाई न होने के कारण गो फर्स्ट के 50 फीसदी विमान ही ग्राउंड पर ख़ड़े रहे रहे। उनका परिचालन नहीं होन पाने की वजह से विमानन कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा। गो फर्स्ट ने कहा पीएंडडब्लू विमान इंजनों की मरम्मत और पार्ट्स मुहैया कराने में नाकाम रहा है। जिस वजह ने उनके 50 फीसदी विमान खड़े हो गए। विमानों का परिचालन बाधित हो गया और लागत बढ़ गई। एयरलाइन के प्रबंधन में लगातार हो रहे बदलाव भी कंपनी की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। एयरलाइन के पास फंड की कमी रही। पिछले कुछ महीनों से गो फर्स्ट के आधे विमान ही गाउंड पर रहे। प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से इंजन सप्लाई में लगातार बाधाएं पैदा की जाती रही हैं। गो फर्स्ट के पास कुल 61 विमान हैं, जबकि इंडिगो के पास 310 विमान हैं।
दो एयर ने अपने एक बयान में कहा कि उसे विवशता में एनसीएलटी के पास दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए जाना पड़ा। इसकी मुख्य वजह प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से विमानों के इंजन की आपूर्ति नहीं किया जाना है। उसने प्रैट एंड ह्विटनी (पीएंडडब्ल्यू) पर इंजनों की मरम्मत और कलपुर्जे मुहैया नहीं कराने का आरोप भी लगाया है। विमानन कंपनी ने कहा कि मरम्मत और कलपुर्जों की कमी की वजह से उसके 28 विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं, जो उसके कुल विमानों की संख्या का आधा है। इसके चलते कंपनी अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा कर पाने की स्थिति में नहीं है। गो फर्स्ट ने कहा कि इंजन की समस्या की वजह से हमारे करीब 50 प्रतिशत विमानों का परिचालन नहीं हो पा रहा है। कारोबारी लागत दोगुनी होने से भी गो फर्स्ट को 10,800 करोड़ रुपये की आमदनी गंवानी पड़ी है। कंपनी ने कहा कि मौजूदा स्थिति में विमानन कंपनी अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा कर पाने की स्थिति में नहीं है। इसलिए उसने एनसीएलटी के सामने अर्जी लगाई गई है।
गो फर्स्ट ने बताया प्रमोटरों की तरफ से एयरलाइन में अबतक 6,500 करोड़ रुपये पूंजी डाली गई है। इसमें से 2,400 करोड़ रुपये पिछले 24 महीनों में लगाए गए। अकेले अप्रैल 2023 में ही प्रमोटर ग्रुप ने 290 करोड़ रुपये इस एयरलाइन में लगाए हैं। गो फर्स्ट एयरलाइन ने फंड की भारी कमी के कारण 3, 4 और 5 मई के लिए अपनी बुकिंग बंद कर दी है। गो फर्स्ट की उड़ान अचानक रद्द होने से यात्रियों की मुश्किल बढ़ गई है। टिकट बुक कराने वाले यात्रियों ने नाराजगी जताई है। लोग इधर-उधर अपने पैसों और अपनी उड़ान के बारे में पता करने के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सही जानकारी नहीं दे रहा है। यहां तक कि उन्हें विकल्प भी नहीं दिया जा रहा है कि वे किसी अन्य फ्लाइट से यात्रा कर सकें। गो फर्स्ट 17 साल से अधिक से परिचालन कर रही है। चालू साल की पहली तिमाही में इसने घरेलू मार्गों पर 29.11 लाख लोगों को यात्रा कराई है। इस दौरान गो फर्स्ट की बाजार हिस्सेदारी 7.8 प्रतिशत रही।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 3-4 मई तक नई बुकिंग रद्द करने के बाद गो फर्स्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया। डीजीसीए के अनुसार, उसके संज्ञान में आया है कि गो फर्स्ट ने क्रमशः 03-04 मई 2023 की सभी निर्धारित उड़ानों को रद्द कर दिया है। डीजीसीए को ऐसी रद्दीकरण के लिए कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई है। इस मामले में अनुसूची की मंजूरी के लिए शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया है। डीजीसीएक के अनुसार इस प्रकार गो फर्स्ट रद्दीकरण और उसके कारणों को लिखित रूप में रिपोर्ट करने में विफल रहा है। गो फर्स्ट अनुमोदित अनुसूची का पालन करने में विफल रहा है जिससे यात्रियों को असुविधा होगी। गो फर्स्ट ने सीएआर, धारा 3, शृंखला एम और भाग 4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
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