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गौतम अडाणी ने आईएएनएस न्यूज एजेंसी में खरीदी 50 % हिस्सेदारी, यह समूह की तीसरी मीडिया कंपनी

देश का प्रमुख कारोबारी समूह अड़ाणी अब अमेरिकी शार्ट सेलर हिंडनबर्ग के झटके से उबरने लगा है। गौतम अडाणी अब अमीरों की सूची में 16 वें स्थान पर आ गए हैं।
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हाईलाइट्स

  • आईएएनएस न्यूज एजेंसी देश का बेहद चर्चित मीडिया हाउस है।

  • यह डील कितने में की गई है, इसका खुलासा अब तक नहीं हो सका है।

  • क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया का पिछले साल किया था अधिग्रहण।

  • अडाणी ने पिछले साल ही एनडीटीवी में खरीदी 65 फीसदी हिस्सेदारी।

राज एक्सप्रेस । देश का प्रमुख कारोबारी समूह अड़ाणी अब अमेरिकी शार्ट सेलर हिंडनबर्ग के झटके से उबरने लगा है। गौतम अडाणी अब अमीरों की सूची में 16 वें स्थान पर आ गए हैं। हाल ही में अडाणी समूह ने आईएएनएस न्यूज एजेंसी के रूप में तीसरी मीडिया कंपनी का अधिग्रहण किया है। बता दें कि अमेरिकी शार्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी समूह की कंपनियों पर हिसाब में गड़बड़ी करके लाभ अर्जित करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले अडाणी समूह की शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। इस दौरान अडाणी समूह ने बेहद संयम से काम लेते हुए इस संकट से उबरने के प्रयास किए, जो अब फलीभूत होते दिखाई देने लगे हैं। यही वजह है कि अडाणी समूह की कंपनियों का मार्केट कैप हाल के दिनों में धीरे-धीरे बढ़ने लगा है।

धीरे-धीरे लौट रहा अडाणी के प्रति निवेशकों का भरोसा

अडाणी समूह अपने स्तर पर इस संकट से बाहर निकलने का प्रयास कर रहा है। अब निवेशकों का भरोसा भी समूह के प्रति धीरे-धीरे लौटने लगा है। हाल के दिनों में इस मुद्दे की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को आधार बनाकर अडाणी समूह को दोषी नहीं माना जा सकता। पिछले दिनों इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी को फटकार लगाते हुए पूछा था कि उसने इन आरोपों की जांच के लिए अपने स्तर पर क्या किया ? इसके साथ ही, अडाणी समूह की कंपनी अडाणी पोर्ट्स को श्रीलंका में बंदरगाह के विकास के लिए फंडिंग देते हुए अमेरिकी सरकार ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को अप्रासंगिक ठहराया है। अमेरिकी सरकार की इस फंडिंग को निवेशकों ने क्लीन चिट की तरह लिया। इसके बाद से अडाणी समूह की कंपनियों के प्रति निवेशकों का भरोसा लौटने लगा है।

मीडिया हाउस में अडाणी की विशेष दिलचस्पी

इसके बाद से ही समूह की सभी कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हिंडनबर्ग ने इस साल अडाणी को तगड़ा झटका दिया था। हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह को करोड़ों का नुकसान हुआ है। इसके बाद अडाणी समूह के कंपनियों के शेयर बुरी तरह गिर गए। अब अमेरिकी सरकार ने अडाणी समूह को क्लीन चिट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की अनुकूल टिप्पणी और अमेरिका सरकार से ताजा फंड़िंग मिलने के बाद से अडाणी समूह के अच्छे दिनों की शुरुआत हो गई है। अब गौतम अडाणी ने एक और कंपनी खरीदी है, जो एक प्रसिद्ध न्यूज एजेंसी है। उल्लेखनीय है कि गौतम अडाणी लगातार मीडिया हाउस को अपने समूह से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

अडाणी के पास पहले से ही हैं दो मीडिया कंपनियां

बता दें कि अडाणी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजार को जानकारी दी है कि उसकी सहायक एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने आईएएनएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के इक्विटी शेयरों में 50.50 की हिस्सेदारी खरीद ली है। हालांकि यह डील कितने में हुई है, इसका खुलासा नहीं किया गया है। अडाणी समूह के पास पहले से ही दो मीडिया कंपनियां हैं। पिछले साल मार्च में अडाणी ने क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया का अधिग्रहण किया था। पिछले साल दिसंबर में ही अडाणी समूह ने एनडीटीवी में 65 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। अब अडाणी समूह के खाते में तीसरी मीडिया कंपनी आ गई है। इस खरीदारी के साथ ही मीडिया सेक्टर अडाणी समूह का पसंदीदा क्षेत्र बन गया है। उल्लेखनीय है कि आईएएनएस एक चर्चित न्यूज एजेंसी है। वर्ष 2022-23 में आईएएनएस का रेवेन्यू 11.86 करोड़ रुपये रहा।

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