एफपीआई ने अक्टूबर में अब तक शेयरों से 12000 करोड़ रुपए निकाल कर डेट मार्केट में किया निवेश
हाईलाइट्स
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने व इजराइल-हमास युद्ध की वजह से FPI ने निकाला पैसा
FPI ने भारतीय बॉन्ड बाजार में 5,700 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश भी किया है
राज एक्सप्रेस। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को संक्षेप में एफपीआई कहते हैं। एफपीआई ने अक्टूबर में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 12,000 करोड़ रुपये निकाले हैं और इस पैसे को डेट मार्केट में निवेश किया है । एफपीआई ने अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने और इजराइल-हमास युद्ध की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता की वजह से भारतीय शेयर बाजार में लगाया पैसा निकाल लिया है। उल्लेखनीय है कि इस दौरान एफपीआई ने भारतीय बॉन्ड बाजार में 5,700 करोड़ रुपये से अधिक निवेश भी किए हैं। शेयर बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिम एशिया में इजराइल-हमास से पैदा हुआ भू-राजनीतिक तनाव ऐसी वजह है, जिससे भारतीय बाजारों में विदेशी पूंजी का प्रवाह बाधित हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, इस माह 20 अक्टूबर तक एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 12,146 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
एफपीआई ने सितंबर में की थी बड़े पैमाने पर बिकवाली
इससे पहले सितंबर में भी एफपीआई ने बड़े पैमाने् पर बिकवाली की थी और उन्होंने 14,767 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। इससे पहले मार्च से अगस्त 2023 तक एफपीआई ने लगातार खरीदारी की है। इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे। एफपीआई की बिकवाली की प्रमुख वजह अमेरिका में बॉन्ड यील्ड (10 साल के लिए) का लगातार बढ़ना रहा है, जो 17 साल के उच्च स्तर 5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। मौजूदा वैश्विक अनिश्चितता और पश्चिम एशिया में इजराईल और हमास के बीच जारी तनाव के पूरे मध्य-पूर्व को चपेट में लेने की वजह से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है।
एफपीआई अब तक 1.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया
फारेन पोर्टफोलियो इन्वेटर्स या एफपीआई ने इस साल अब तक शेयरों में कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके साथ ही बॉन्ड बाजार में भी 35,000 करोड़ रुपये से अधिक लगाए हैं। एफपीआई ने फाइनेंशियल्स, पावर, एफएमसीजी और आईटी सेक्टरों में विशेष रूप से बिकवाली की है। इसके विपरीत, एफपीआई टेलिकॉम सेक्टर में लगातार खरीदारी कर रहे हैं। ऑटोमोबाइल और कैपिटल गुड्स में खरीदारी का सिलसिला धीमी है। शेयर बाजार में बीते सप्ताह गिरावट देखने में आई थी। बाजार पूरे हफ्ते दबाव में दिखाई दिया। इस वजह से निफ्टी-50 इंडेक्स 1.06 प्रतिशत नीचे आ गया। पश्चिम एशिया में जारी तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने जैसे कई प्रमुख वैश्विक कारक इसकी वजह रहे। 20 अक्टूबर को एनएसई बेंचमार्क निफ्टी 208 अंक गिरकर 19,542 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि बीएसई सेंसेक्स 885 अंक गिरकर 65,397 पर बंद हुआ।
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