आर्मी कैंटीन्स को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, नहीं मिलेगी विदेशी शराब

भारत की केंद्र सरकार ने देश में मौजूद 4 हजार आर्मी कैंटीन्स में मिलने वाली विदेशी शराब और विदेश से आने वाले इम्पोर्टेड सामान पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया है।
Foreign liquor and goods will not be sold in army canteens
Foreign liquor and goods will not be sold in army canteensSyed Dabeer Hussain - RE
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राज एक्सप्रेस। भारत में आर्मी की कैंटीन्स इम्पोर्टेड सामान और महंगी विदेशी शराब सस्ते में मिलने के लिए जानी जाती है। जिसका लोग अकसर गलत फायदा भी उठाते हैं। हालांकि, अब कोई ऐसा नहीं कर पाएगा क्योंकि, भारत की केंद्र सरकार ने देश में मौजूद 4 हजार आर्मी कैंटीन्स में मिलने वाली विदेशी शराब और विदेश से आने वाले इम्पोर्टेड सामान पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया है।

आर्मी कैंटीन्स को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला :

दरअसल, केंद्र सरकार ने आर्मी की कैंटीन्स में इम्पोर्टेड सामान और महंगी विदेशी शराब बिकने पर बैन लगाने का फैसला लिया हैं। सरकार ने यह फैसला भारत में चलाए जा रहे आत्मनिर्भर अभियान के तहत लिया है। इसके अलावा सरकार ने इस प्रकार का कोई भी सामान आयात न करने के भी आदेश दिए हैं। सरकार ने इस फैसले के पीछे का मकसद स्थानीय और भारत में बनी वस्तुओं को बढ़ावा देना है। बता दें, भारत सरकार ने यह फैसला भारत की तीनों सेनाओं से सलाह लेने के बाद ही लिया है।

डिस्काउंट कीमत पर उपलब्ध होता है सामान :

बताते चलें, भारत में मौजूदा सभी आर्मी कैंटीन में कोई भी सामान डिस्काउंट कीमत पर उपलब्ध होता हैं। यह सामान इन कीमतों पर वर्तमान और पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की सुविधा के लिए मुहैया कराया जाता है। इन कैंटीन्स में विदेशी शराब और विदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की डिमांड काफी रहती है, लेकिन इन सामानों के विदेशी होने के कारण सरकार ने इनकी बिक्री पर रोक लगाई है। यानि कि, अब से आर्मी की कैंटीन्स में विदेशी शराब सहित किसी भी प्रकार का विदेशी सामान नहीं मिलेगा। बता दें, आर्मी कैंटीन को देश की सबसे बड़ी रिटेल चेन्स में शमिल किया जाता है। जहां से हर साल लगभग 200 करोड़ रुपए की बिक्री होती ही है।

मई और जुलाई के बीच बातचीत :

बताते चलें, रक्षा मिनिस्ट्री द्वारा 19 अक्टूबर को जारी किए गए आदेशों के तहत कहा गया था कि, विदेशों से डायरेक्ट इम्पोर्ट नहीं किया जा सकेगा। इसके बाद आर्मी की कैंटीन्स में बिकने वाले विदेशी सामान को लेकर मई और जुलाई के बीच आर्मी, एयरफोर्स और नेवी यानि देश की तीनों सेनाओं से बातचीत की गई थी।

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