8 माह के शीर्ष पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, इस हफ्ते देश के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में 5.98 अरब डॉलर बढ़े
राज एक्सप्रेस। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर लगातार दूसरे सप्ताह उत्साहजनक खबर है। 24 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में 5.98 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले 17 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें 12.798 अरब डालर की बढ़ोतरी हुई थी। अब अपना विदेशी मुद्रा भंडार 578.78 अरब डालर के स्तर पर पहुंच गया है। यह जुलाई के बाद का शीर्ष स्तर है। दूसरी ओर, पड़ोसी पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी दर्ज की गई है। पहले वहां लगातार छह सप्ताह तक विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी दर्च की गई थी।, वहीं 24 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 35.44 करोड़ डॉलर की कमी दर्ज की गई है। इस समय पाकिस्तान में 4.59 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार रह गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार 24 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान अपने विदेशी मुद्रा भंडार में 5.98 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ ही अपना विदेशी मुद्रा भंडार 578.78 अरब डॉलर तक जा पहुंचा है। इससे पहले 17 मार्च 2023 को समाप्त सप्ताह के दौरान भी अपने विदेशी मुद्रा भंडार में 12.798 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी। इससे पहले, अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
फॉरेन करेंसी एसेट्स और गोल्ड रिजर्व में भी बढ़ोतरी
भारतीय रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों पर गौर करें, तो 24 मार्च 2023 को समाप्त सप्ताह के दौरान अपने अपना फॉरेन करेंसी असेट में भी बढ़ोतरी हुई है। फारेन करेंसी ऐसेट आलोच्य सप्ताह के दौरान 4.38 अरब डॉलर बढ़कर 509.728 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। इससे एक सप्ताह पहले भी इसमें 10.485 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। उल्लेखनीय है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियां या फॉरेन करेंसी असेट (एफसीए) एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है। आलोच्य सप्ताह के दौरान देश के सोने के भंडार का मूल्य भी बढ़ा है। बीते 24 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान यह 1.37 अरब डॉलर बढ़ कर 45.48 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इससे एक सप्ताह पहले भी इसमें 2.187 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, बीते सप्ताह के दौरान भारत के स्पेशल ड्रॉइंग राइट या विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में भी बढ़ोतरी हुई है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान यह 20.10 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.419 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इससे एक सप्ताह पहले भी इसमें 9.8 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी। समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.151 अरब डॉलर हो गया है।
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार घटा
पाकिस्तान देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए बाहरी वित्तपोषण के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के पास विदेशी मुद्रा भंडार छह सप्ताह की बढ़त के बाद फिर से गिर गया है। एसबीपी ने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा है कि 24 मार्च को समाप्त सप्ताह में उसका विदेशी मुद्रा भंडार 35.4 करोड़ डॉलर घटकर 4.2 अरब डॉलर रह गया है। यह बस एक महीने से भी कम समय के आयात के लिए है। वाणिज्यिक बैंकों के पास मौजूद शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार 5.6 अरब डॉलर था, जो एसबीपी से 1.3 अरब डॉलर अधिक था, जिससे देश का कुल तरल विदेशी मुद्रा भंडार 9.8 अरब डॉलर हो गया। पाकिस्तान की 350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वित्तीय संकट के बीच लगातार घटती जा रही है। अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक कर्मचारी-स्तर के समझौते के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। वाशिंगटन स्थित ऋणदाता जनवरी के अंत से पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ 1.1 बिलियन डॉलर ऋण किश्त को फिर से शुरू करने के लिए बातचीत कर रहा है, जो 2019 में 6.5 बिलियन डॉलर विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) का एक हिस्सा है। आईएमएफ फंडिंग पाकिस्तान के लिए अपने दायित्वों पर चूक से रोकने के लिए अन्य बाहरी वित्तपोषण के रास्ते खोलने के लिए महत्वपूर्ण है।
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