देश के विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज हुई बढ़त, लेकिन लुढ़का स्वर्ण भंडार
राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) जमा होता है, उसके आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा समय-समय पर जारी किए जाते रहे हैं। इनमें कभी बढ़त तो कभी कमी देखने को मिलती है। वहीं, अब RBI ने एक बार फिर ताज़ा आंकड़े जारी कर दिए हैं। जिनके अनुसार, देश के विदेशी मुद्रा भंडार (IMF) में बढ़त दर्ज हुई है। जिसके बाद विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि, देश के स्वर्ण भंडार (gold Reserves) की कीमत में गिरावट ही दर्ज की गई है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।
RBI ने जारी किए ताजा आंकड़े :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अप्रैल 2023 को समाप्त सप्ताह में 1.65 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। जबकि, 7 अप्रैल 2023 को समाप्त सप्ताह में 6.3 अरब डॉलर बढ़कर 586.41 अरब डॉलर पर था। यह आंकड़ा जुलाई 2022 के बाद का शीर्ष स्तर है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) के घटने के चलते मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई है। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है।
आंकड़ों के अनुसार FCA :
रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़कर होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। इस प्रकार समीक्षाधीन अवधि में अप्रैल 2021 को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) 2.20 अरब डॉलर बढ़कर 516.635 अरब डॉलर पर पहुंच गया। बता दें, FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं।
घटी गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :
बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में पहले की तरह ही गिरावट दर्ज हुई है। 14 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान यह 52.1 करोड़ डॉलर घट कर 46.125 अरब डॉलर तक आ पहुंची है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में देश का स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) 18.412 अरब डॉलर घटकर 18.412 अरब डॉलर हो गया। जबकि IMF के पास आरक्षित मुद्रा भंडार 1.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.19 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :
विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।
यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय ले सकती है।
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।
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