ऑटोमोबाइल। पिछले कुछ समय में वाहन निर्माता कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों के सेगमेंट की तरफ तेजी से बढ़ती नजर आ रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि, दुनियाभर के देशों सहित भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है। साथ ही देश में लगातार बढ़ता प्रदूषण और पेट्रोल की बढ़ती कीमतें भी इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों के झुकाव का बड़ा कारण है। क्योंकि, इलेक्ट्रिक व्हीकल से प्रदूषण काफी कम होता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए Ford और Volvo कंपनियों ने मिलकर बैटरी रिसाइकल स्टार्टअप शुरू किया है।
Ford और Volvo का नया स्टार्टअप :
दरअसल, अब भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ता नजर आरहा है। जिससे अब वाहन निर्माता कंपनियां धड़ाधड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की पेशकश कर रही है। इसके अलावा वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल काफी अच्छा उपाय है, लेकिन यदि इन वाहनों की बैटरी में कोई खराबी होगी तो, भी प्रदूषण होगा इसलिए अगर बैटरी ख़राब हो या उसमें कोई भी दिक्कत आये उसके रिसाइकल के लिए में Ford (फोर्ड) और Volvo (वॉल्वो) ने मिलकर एक अहम नए बैटरी रिसाइकल स्टार्टअप की शुरुआत की है। दोनों कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी को रिसाइकिल करने के लिए साझेदारी कर ली है। जिससे दोनों कंपनियां मिलकर कार्य करेंगी।
इस नाम से की शुरुआत :
बताते चलें, Ford और Volvo द्वारा किए गए बैटरी रिसाइकल स्टार्टअप की शुरुआत रेडवुड मटैरियल नाम से की है। इस स्टार्टअप के तहत कंपनियां पुरानी और खराब हो चुकी बैटरी को पूरी तरह से रिसाइकिल करेगी। इस प्रोसेस में बैटरी से निकलने वाले मटेरियल को अलग-अलग किया जाएगा और उसकी मदद से आगे नई बैटरी तैयार करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इस रेडवुड मटैरियल की शुरुआत टेस्ला एग्जीक्यूटिव जेबी स्ट्रूबेल द्वारा की गई है। इस शरुआत के लिए पहले Ford के साथ साझेदारी की गई थी, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए कंपनी सप्लाई किया करती थी, जिसमें रो मटैरियल शामिल था, जो रिसाइकिल बैटरी से तैयार किया जाता था।
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