राज एक्सप्रेस। 1 फरवरी को आम बजट पेश होने के बाद से ही विपक्ष पार्टी ने बजट में गरीबों को के लिए कोई व्यवस्था ना होने का आरोप लगाना शुरू कर दिया था। वहीं, शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर पलटवार करते हुए कई प्रश्न उठा दिए। इतना ही नहीं आज वित्त मंत्री सीतारमण ने विपक्ष पार्टी के नेताओं द्वारा दिए गए सभी बयानों का करारा जवाब दिया है।
वित्त मंत्री सीतारमण का पलटवार :
दरअसल, भारत के बजट 2022 पेश होने के बाद से कई लोगों ने इस बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। इसी में देश की मुख्य विपक्ष पार्टी की तरफ से राहुल गांधी ने बयान दिया था। जिस पर अब निर्मला सीतारमण ने प्रश्न उठाते हुए पलटवार किया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि, "क्या वह उस गरीबी की समस्या का समाधान चाहते हैं, जो उनके मुताबिक 'एक मानसिक अवस्था' है। यह बजट अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने वाला है और इसमें रोजगार सृजन के भी उपाय हैं। आप क्या गरीबों की बात करेंगे? आपके (कांग्रेस के) पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि गरीबी का मतलब खाने और पैसों का अभाव नहीं होता है...उन्होंने इसे मानसिक अवस्था करार दिया था...मैंने किसी का नाम नहीं लिया मगर हम सब जानते हैं कि वह कौन हैं।"
प्रियंका चतुर्वेदी को भी दिया उत्तर :
याद दिला दें कि, साल 2013 में राहुल गांधी ने अपने एक बयान में कहा था कि, "गरीबी केवल एक मानसिक अवस्था है। इसका पैसे और खाने जैसी चीजों की कमी से कोई लेना देना नहीं है।" हालांकि, आज वित्त मंत्री सीतारमण ने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनपर निशाना साधते हुए इस बयान का जिक्र करते हुए कहा, 'कृपया स्पष्ट कीजिए कि क्या आप इसी गरीबी को दूर करने को मुझसे कह रहे हैं? दिमाग की गरीबी को?' इस पर शिवसेना की सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने विरोध करते हुए कहा कि, "वित्त मंत्री अपने बयान से गरीबों का मजाक उड़ा रही हैं।" तब सीतारमण ने कहा, 'मैं गरीबों का मजाक नहीं उड़ा रही हूं। जिस व्यक्ति ने गरीब का मजाक उड़ाया था, उसकी पार्टी के साथ आपका गठबंधन है।'
वित्त मंत्री का कहना :
वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने एक बयान में विपक्षी को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "कांग्रेस नेता के बयान अखबारों में छपा था और वह उसी का उल्लेख कर रही हैं। आज भी रिमोट कंट्रोल से संचालित' होने वाली इस विपक्षी पार्टी का वास्तव में 'राहु काल' चल रहा है जबकि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का 'अमृत काल' चल रहा है। कांग्रेस में कोई लोकतंत्र नहीं है, क्योंकि संप्रग सरकार के शासन में राष्ट्रीय नीतियां 10, जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का सरकारी आवास) में बनती थीं और घोषणाएं 7, लोक कल्याण मार्ग (प्रधानमंत्री आवास) से होती थीं। यह देश वह दिन कभी नहीं भूल सकता जब केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले की प्रति को कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव राहुल गांधी ने मीडिया के समक्ष फाड़ कर फेंक दिया था।"
कपिल सिब्बल को दिया जवाब :
बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी सरकार पर वार करते हुए कहा था कि, 'यह सरकार 'अमृत काल' की बात कर रही है जबकि देश 2014 से (नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से) राहु काल देख रहा है। सिब्बल की टिप्पणी का जिक्र करते हुए वित् मंत्री सीतारमण ने कहा कि जिस राहु काल का उल्लेख किया गया वह वास्तविकता में कांग्रेस का चल रहा है। जब एक प्रधानमंत्री एक कानून लेकर आते हैं और उसे मीडिया के समक्ष फाड़ कर फेंक दिया जाता है...वह भी तब जबकि प्रधानमंत्री कुछ घंटों के बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने वाले थे...वह राहु काल था। विपक्षी पार्टी में जी-23 का खेमा बन जाना ही उसका राहु काल है। इसलिए राहु काल तो कांग्रेस का चल रहा है। हमारा तो अमृत काल चल रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ रहे हैं...यह राहु काल है...कांग्रेस जो 'राहुल काल' का सामना कर रही है, वह 44 सीटों पर सिमट कर रह गई है और उससे आगे नहीं बढ़ पा रही है।'
'लड़की हूं लड़ सकती हूं' पर भी दिए बयान :
कांग्रेस के 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान पर भी वित्त मंत्री ने बयान देते हुए कहा कि, 'राहु काल तो राजस्थान में है जहां आए दिन महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं और वहां की लड़किया लड़ नहीं सक (पा) रही हैं। राहु काल तो उधर (कांग्रेस नेताओं की तरफ इशारा करते हुए) है। सरकार आजादी के अमृत काल के लिहाज से कई कदम उठा रही है जबकि इसका अपमान करने के लिए विपक्ष के सदस्य इसे राहु काल कह रहे हैं। ज्ञात हो कि सरकार ने आजादी के 75 साल से 100 साल तक के सफर को अमृत काल का नाम दिया है।'
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