राज एक्सप्रेस। कोरोना के बचाव के लिए हुए लॉकडाउन के बाद से लगभग सभी सेक्टरों की हालत खस्ता है। हालांकि, इसी दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने MSME सहित कई सेक्टरों के लिए राहत पैकेज के ऐलान किए। वहीं, अब मोदी सरकार ने दिवाली से ठीक पहले अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के मकसद से आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लांच की। इसका योजना से जुड़ी घोषणा आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लांच :
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान देश में एक नई बहुई बड़ी समस्या उभर कर आई है है जो कि, मजदूरों से जुड़ी थी। लॉकडाउन के दौरान रोजगार न होने के चलते उन्हें अपने घर जाना पड़ा। इन सभी समस्याओं को देखते हुए सरकार ने पलायन करने वाले मजदूरों के लिए खास प्रकार का पोर्टल तैयार किया है। प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करते हुए वित् मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को पोर्टल से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि,
'अर्थव्यवस्था में रिकवरी दिख रही है। अर्थव्यवस्था में मजबूत सुधार आया है। साथ ही कोविड-19 के सक्रिय मामलों में गिरावट देखने को मिली है। इस साल अक्टूबर में GST संग्रह साल दर साल के आधार पर 10% बड़ी है, उधर बैंक लोन में 5.1% का सुधार देखा गया है। ऊर्जा खपत में भी वृद्धि होने के रुझान मिले हैं। कोरोना काल के समय में भी GST कलेक्शन और विदेशी निवेश बढ़ा है।
निर्मला सीतारमण, वित् मंत्री
कैसी है यह योजना :
जैसे की इसके नाम से ही समझ आरहा है 'आत्मनिर्भर भारत रोजगार' इस योजना के तहत ऐसी कई नई योजनाएं लॉन्च की गई है। जिन्हें वित्त मंत्री द्वारा रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के मकसद से लांच किया गया हैं। इस योजना से भारत को आत्मनिर्भर बनने में काफी मदद मिलेगी। बता दें, वित्त मंत्री सीतारमण ने इस योजना के साथ ही कई अन्य किसानों को राहत देने वाली घोषणाएं भी की हैं।
किसानों के लिए हुई घोषणा :
वित्त मंत्री सीतारमण ने नाबार्ड के माध्यम से अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी अनुदान से किसानों को 25,000 करोड़ रुपये का वितरण किया गया। इतना ही नहीं अब तक कई योजनाओं को लांच किया जा चुका हैं। जिसे सरकार की तरफ से आत्मनिर्भर भारत 2.0 के तहत लांच किया गया था।
किसानों को नाबार्ड के के माध्यम से इमरजेंसी कैपिटल फंड दिया जाएगा। डिस्कॉम और उद्योगों को कर्ज देने के लिए 22 राज्यों को लगभग 1,182,73 रुपये करोड़ कर्ज बांटने के लिए दिए गए हैं।
NBFC/HFC के लिए विशेष तरलता योजना के तहत 7,227 करोड़ रुपये दिए गए।
28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 'एक देश-एक राशन कार्ड' योजना लागू हो चुकी है।
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