गतिरोध की वजह से जहाजों का बदले हुए मार्ग से जाना पड़ रहा है
इसकी वजह से कारों के निर्यात की लागत में बढ़ोतरी हो गई है
कंपनी ने कहा इस मुद्दे का निर्यात पर कुछ विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा
राज एक्सप्रेस।। लाल सागर में जारी गतिरोध की वजह से जहाजों का बदले हुए मार्ग से जाना पड़ रहा है। इसकी वजह से परिवहन लागत में बढ़ोतरी हो गई है। इस बदलाव की वजह से देश की प्रमुख कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) की निर्यात लागत में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है। मारुति सूजुकी इंडिया ने कैलेंडर वर्ष में लगभग 2.7 लाख कारों का निर्यात किया था। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि उसे नहीं लगता कि इस मुद्दे का उसके निर्यात पर कुछ विशेष प्रभाव पड़ सकता है।
कंपनी के कार्यकारी अधिकारी (कॉर्पोरेट मामले) राहुल भारती ने बताया कि लाल सागर संकट की वजह से हमें कुछ लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जोखिम और वाहनों के मार्ग में बदलाव की वजह से लागत में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वहनों की कीमत में होने वाला बदलाव बहुत अधिक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लंबा रास्ता तय करने की वजह से माल निर्यात के समय में कुछ ज्यादा समय लग सकता है, समय में जरूरत के हिसाब से बदलाव भी हो सकता है। निर्यात के लिए वाहनों के उठाव और उनकी डिलीवरी प्रभावित हो सकती है।
जर्मनी की लग्जरी कार कंपनी आडी ने भी लाल सागर संकट को लेकर चिंता जताई है। आडी के प्रवक्ता ने कहा कि सप्लाई चेन संबंधी समस्याएं पैदा हो रही हैं। इस संकट की वजह से पहली तिमाही में भारत में ग्राहकों को कार की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। आडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने बताया कि कंपनी भारत में इलेक्टि्रक कारों को तैयार करने की संभावनाओं का मूल्यांकन कर रही है। कार की कीमत में इस संकट की वजह से अगले दिनों में मामूली बदलाव भी देखने को मिल सकता है।
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