गुजरात, भारत। आज भारत के हर क्षेत्र में महंगाई बढ़ती जा रही है।यही बढ़ती महंगाई कृषि क्षेत्र में भी देखने को मिल रही है। इसी के चलते गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ रही है। इन बढ़ती हुई कीमतों के चलते ही केंद्र सरकार को तत्काल प्रभाव से गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसा बड़ा फैसला लेना पड़ा, लेकिन इस फैसले के बाद तो मानों बवाल ही मच गया। कभी सरकार के इस फैसले पर कभी G-7 देशों के ग्रुप ने आपत्ति जताई तो कभी अमेरिका ने। इन सब के बाद आज जब सरकार ने निर्यात पर बैन लगाने से पहले निर्यात के LOC जारी किए गए देशों को गेहूं निर्यात करना शुरू किया। तब गुजरात में 4000 ट्रक फंसे पाए गए।
गेहूं निर्यात किया शुरू :
दरअसल, भारत सरकार ने भारत में गेहूं की बढ़ रही कीमतों को कंट्रोल करने और खाद्य सुरक्षा के हालातों को संभालने व खाद्य संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश और कुछ अन्य देशों की मदद करने के मकसद से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाया है, लेकिन अब नियम में कुछ छूट देते हुए कनसाइनमेंट के निर्यात पर छूट देनी शुरू की है,प्रतिबंध लगाने के दिन यानी 13 मई तक जिन देशों के अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (LOC) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति है। सरकार को गेहूं निर्यात इसलिए भी करना पड़ा क्योंकि, गेहूं लदे हजारों ट्रक देश के कुछ बंदरगाहों पर जाने के लिए तैयार खड़े हैं। इस मामले में वाणिज्य मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया है कि,
'कस्टम के सुपुर्द हो चुकी गेहूं की खेप को निर्यात की अनुमति होगी। सरकार ने मिस्र जा रहे गेहूं के उस कनसाइनमेंट को भी अनुमति दे दी है, जिसका कांडला बंदरगाह पर लदान चल रहा है।'
वाणिज्य मंत्रालय
मिस्र को मिली अनुमति :
बताते चलें, फिलहाल गेहूं निर्यात के लिए मिस्र देश को भी अनुमति मिल गई है। इसलिए यहां भी गेहूं निर्यात किया जाएगा। बता दें, यह अनुमति देश को मिस्र सरकार के अनुरोध पर मिली है। इस अनुमति के बाद अब मिस्र को गेहूं की खेप भेजने वाली कंपनी मीरा इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 61,500 मीट्रिक टन गेहूं भेजने का अनुरोध किया था, जिसमें से 44,340 मीट्रिक टन का शिपमेंट हो चुका है। हालांकि, सरकार पूरे कनसाइनमेंट को मिस्र भेजने के लिए तैयार हो गई है।
गुजरात में फंसे 4000 ट्रक :
बताते चलें, केंद्र सरकार के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध वाले फैसले के बाद गुजरात के बंदरगाह पर गेहूं से लदे 4000 ट्रक कांडला के दीनदयाल पोर्ट के बाहर खड़े है। जो कि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) कार्यालय से जहाजों पर लादने की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि बीते सप्ताह में शनिवार, रविवार और सोमवार को DGFT कार्यालय की छुट्टी थी। बंदरगाह पर यह ट्रक अब भी खड़े है और इन् चार जहाजों को गेहूं लादने के लिए अनुमति की जरूरत है। बता दें, कच्छ जिले के इस बंदरगाह से गेहूं ज्यादातर अफ्रीकी देशों, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया और यमन भेजा जाता है।
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