हाइलाइट्स :
देश में फिर एक घोटाला आया सामने
UPPCL ने किया करोड़ो का घोटाला
घोटाले का मुद्दा EPF से जुड़ा
DHFL में करते थे निवेश
कंपनी से जुड़े कर्मचारियों के नाम आये सामने
राज एक्सप्रेस। वैसे तो आपने आज तक कई घोटालों की खबरें सुनी होंगी, जिनमें ज्यादातर बैंक से जुड़े मामले होंगे, लेकिन अब एक नया घोटाला सामने आया है जो, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) से जुड़ा है। हालांकि यह मामला भी काफी हद्द तक बैंकिंग सेक्टर से ही जुड़ा है। इस मामले में उत्तरप्रदेश में UPPCL द्वारा PF की रकम को लेकर घोटाला किया गया था।
क्या था घोटाले का मामला :
इस मामले में उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड जो कि, एक सरकारी संस्था है, ने कर्मचारी भविष्य निधि (Employee Provident Fund - EPF) के पैसों की रकम का एक बहुत बड़ा हिस्सा दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL) कंपनी में निवेश कर दिया। इस रकम की कीमत 4100 करोड़ रूपये है। जांच के दौरान इस घोटाले में कंपनी से जुड़े कर्मचारियों के नाम सामने आये हैं।
मामले के मुख्य आरोपी :
UPPCL से जुड़े इस घोटाले में UPPCL के अभिनव गुप्ता (जो महाप्रबंधक और ट्रस्ट के सचिव रह चुके पी के गुप्ता के बेटे) द्वारा दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL) कंपनी में निवेश कराने के लिए एक ब्रोकर के रूप में काम किया और घोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया। फ़िलहाल इस मांमले में जांच एजेंसी की जांच जारी है और एजेंसी को फरार EOW अभिनव की तलाश है।
साठगांठ का है मामला :
जांच एजेंसियों द्वारा दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL) की जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि, यह घोटाला DHFL में निवेश कराने वाले ट्रस्ट के सचिव पी के गुप्ता और DHFL कंपनी की साठगांठ से किया गया है। जांच से यह बात भी सामने आई कि सचिव पी के गुप्ता के बेटे अभिनव ने DHFL द्वारा एक मोटी रकम कमीशन के तौर पर लेकर UPPCL कंपनी से निवेश कराया था। हालांकि जांच एजेंसी अभी जांच में जुटी ही हुई है और अभी तक मिली जानकारी के आधार पर कड़िया जोड़ने में लगी हुई है।
बिना अनुभव के किया निवेश :
जांच एजेंसियों ने पड़ताल के दौरान पहले ही खुलासा किया था कि, ब्रोकर फर्मों के द्वारा जो निवेश किये गए हैं उसमें ज्यादातर निवेश उन ब्रोकर फर्मों द्वारा किये गए हैं जिन्हे पूर्व में कोई अनुभव भी नहीं था। साथ ही यह फर्म UPPCL में मात्र काम करती थी।
DHFL के मैनेजर का कहना :
EOW के अधिकारियों ने DHFL के वर्तमान एरिया मैनेजर अमित प्रकाश से पूछताछ के दौरान भी कुछ बातों का खुलासा किया है। मैनेजर ने बताया कि, उनका ब्रोकर के द्वारा UPPCL के अधिकारियों से सीधा संपर्क होता था। हालांकि EOW इस मामले में UPPCL के दो अन्य कर्मचारियों से जानकारी प्राप्त करने की लगातार कोशिश कर रहा है। वहीँ 5 नवंबर को गिरफ्तार हुए UPPCL के पूर्व एमडी एपी मिश्रा की रिमांड पूरी हो चुकी है एवं उन्हें अब लखनऊ जेल भेज दिया गया है।
14 ब्रोकर फर्मों के नाम आए सामने :
EOW द्वारा जांच में एक बड़ा खुलासा यह भी हुआ है कि, इतना बड़ा घोटाला 14 ब्रोकर फर्मों के द्वारा किया गया था। EOW अब 14 ब्रोकर फर्मों के आरोपी अफसरों के किस-किस से कनेक्शन है इसकी जांच में जुटी हुई है। इस मामले में पॉवर कार्पोरेशन के तत्कालीन चेयरमैन एवं वर्तमान के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति संजय अग्रवाल से भी पूछताछ की जा सकती है। फ़िलहाल उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इनमें से सिर्फ 2 ब्रोकर फर्में ऐसी हैं जो दूसरी कंपनियों के लिए भी काम करती हैं, बाकी सभी फर्में UPPCL के करती थी। यह सभी फर्में पश्चिमी उत्तर प्रदेश या उससे सटे पड़ोसी राज्यों के जिलों की बताई जा रहीं हैं।
एक ही आदमी चला रहा कई फर्मे :
जांच के दौरान एक अन्य खुलासा यह भी हुआ कि, इन सभी फर्मो में से दो-तीन फर्में केवल एक ही आदमी चला रहा था। वहीँ एक फार्म द्वारा तो पता ही गलत बताया गया है। इसके अलावा अन्य फर्मो की जांच प्रारंभ है, इन्हीं फार्मो से जुड़ी जांच में अभी ईओडब्ल्यू तत्कालीन सचिव (ट्रस्ट) प्रवीण कुमार गुप्ता के बेटे की तलाश जारी है।
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