Coal crisis: किसी भी चीज की कमी नहीं, कोयला संकट रिपोर्ट निराधार: FM सीतारमण

मोसावर-रहमानी सेंटर फॉर बिजनेस एंड गवर्नमेंट द्वारा आयोजित संवाद के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने यह जानकारी दी।
कोयले की कमी की खबरों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोई कमी नहीं है। - सांकेतिक तस्वीर
कोयले की कमी की खबरों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोई कमी नहीं है। - सांकेतिक तस्वीरNeelesh Singh Thakur – RE
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हाइलाइट्स –

  • ऊर्जा आपूर्ति पर FM के जवाब

  • हार्वर्ड केनेडी स्कूल में दी जानकारी

  • भारत एक बिजली अधिशेष देश : FM

राज एक्सप्रेस (Raj Express)। देश में चल रही कोयले की कमी की खबरों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा कि कोई कमी नहीं है।

इंडियन फाइनेंस मिनिस्टर (FM) ने तमाम न्यूज रिपोर्ट्स को "बिल्कुल निराधार" (“absolutely baseless") करार देते हुए कहा कि भारत एक बिजली अधिशेष देश (India is a power surplus country) है।

बिजली मंत्री सिंह का हवाला -

सीतारमण ने कहा कि; बिजली मंत्री आरके सिंह ने दो दिन पहले ही रिकॉर्ड सहित ब्यौरा प्रस्तुत किया था। तब उन्होंने कहा था कि; चारों ओर बिल्कुल आधारहीन जानकारी तैर रही है कि शायद कोयले या अन्य इन्वेंट्रीज (कच्चे माल) की कमी है, जिससे ऊर्जा में आपूर्ति की मांग की स्थिति में अचानक अंतर पैदा हो जाएगा। "बिल्कुल निराधार! किसी चीज की कमी नहीं है।"

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हार्वर्ड केनेडी स्कूल में दी जानकारी -

वास्तव में, अगर मैं मंत्री के बयान को याद करती हूं, तो हर बिजली उत्पादन स्थापना (संयंत्र) के पास अगले चार दिनों का स्टॉक अपने परिसर में उपलब्ध है और आपूर्ति श्रृंखला बिल्कुल भी नहीं टूटी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यह जानकारी हार्वर्ड केनेडी स्कूल में दी।

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हार्वर्ड के प्रोफेसर ने पूछा सवाल -

मोसावर-रहमानी सेंटर फॉर बिजनेस एंड गवर्नमेंट (Mossavar-Rahmani Center for Business and Government) द्वारा आयोजित संवाद के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने यह जानकारी दी।

दरअसल हार्वर्ड (Harvard) के प्रोफेसर लॉरेंस समर्स (Lawrence Summers) ने ऊर्जा की कमी और भारत में कोयले की कमी की रिपोर्ट के बारे में भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री से इस बारे में सवाल पूछा था।

"कोई कमी नहीं होने वाली है जिससे आपूर्ति में कोई कमी हो सकती है। तो यह भारत की बिजली की स्थिति का ख्याल रखता है। अब हम एक पावर सरप्लस देश हैं।"

निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री, भारत

बताया तस्वीर का रुख -

केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस दौरान भारत में उपलब्ध ऊर्जा के विकल्पों एवं उनकी उपयोगी संभावनाओं पर भी ध्यानाकृष्ट किया उन्होंने कहा कि,

हम यह देखने के लिए भी काफी जोखिम उठा रहे हैं कि भारत के लिए ऊर्जा के पिटारे में क्या उपलब्ध है, कितना जीवाश्म ईंधन पर आधारित है और कितना नवीकरणीय से आता है। साथ ही हम हमेशा उन तरीकों को देख रहे हैं जिनसे इसे नवीकरणीय ऊर्जा में स्थानांतरित किया जा सकता है। तो तस्वीर कम आपूर्ति की नहीं है, लेकिन यह एनर्जी बास्केट में नए घटकों की तस्वीर भी है।"

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COVID-19 वैक्सीन अभियान पर जानकारी -

फाइनेंस मिनिस्टर ने कोविड-19 (COVID-19) के खिलाफ भारत में टीकाकरण अभियान और भारत सरकार को नागरिकों को एक अरब खुराक देने के करीब पहुंचने में सफलता कैसे मिली इस बारे में जानकारी दी।

सीतारमण ने कहा कि भारत ने दशकों से इस संस्थागत व्यवस्था को लगातार बनाया है। यहां तक ​​​​कि ग्रामीण स्तर तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद हैं। यह केंद्र उन क्षेत्रों में रोगियों को दी जाने वाली मूलभूत प्राथमिक देखभाल की बुनियादी आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं।

गिनाए केंद्रों के काम -

उन्होंने कहा, "इन केंद्रों में समय-समय पर उन नवजात बच्चों का टीकाकरण किया जाता है जिन्हें कोई टीका दिया जाना आवश्यक है। भारत पोलियो के प्रसार को रोकने में बहुत सफल रहा है।"

उन्होंने बताया कि; पिछले कुछ वर्षों में आवधिक मलेरिया या ऐसी मौसमी बीमारियों जिसके लिए डॉक्टर किसी विशेष क्षेत्र में रोगियों की देखभाल करते हैं, ने भारत को बड़ी महामारी-अनुपात बीमारियों को संभालने और उनका इलाज करने की क्षमता दी है।

उन्होंने कहा कि; जैसे ही टीके उपलब्ध हो गए, हमारा सिस्टम उसके सदुपयोग के लिए तैयार था, यहां तक ​​कि कुछ दूर-दराज के इलाकों में जाकर लोगों को खुराक देने के लिए भी। इसलिए, भारत में संस्थागत व्यवस्था हमेशा से आधारभूत ढांचा रही है, जो वर्षों की मेहनत का परिणाम है।"

वैक्सीन से जुड़े एक सवाल सवाल कि; क्या उन्हें (वैक्सीन) एक निश्चित तापमान में संरक्षित कर पूरे भारत में वितरित किया जाना था? के जवाब में भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा; "सौभाग्य से हमने जिन दो वैक्सीन का उपयोग किया है, वे भारतीय परिस्थितियों के लिए काफी अनुकूल हैं। इसलिए इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए आवश्यक रसद काफी चुनौती नहीं थी और इसलिए हम सफल रहे हैं।"

वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) द्वारा निर्मित एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड (AstraZeneca/Oxford) वैक्सीन का संस्करण है। कोवैक्सिन (Covaxin) फार्मा कंपनी भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन है।

डिस्क्लेमर – जानकारी अंग्रेजी समाचार माध्यम में वायर एजेंसी फीड आधारित न्यूज रिपोर्ट पर आधारित। केवल शीर्षक, उप-शीर्षक में बदलाव किया गया। प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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