हाइलाइट्स –
बिजली संकट से निपटने प्लान
थर्मल पावर स्टेशन तक कोयला पहुंचाने कसी कमर
माल गाड़ियों से जल्द से जल्द पहुंचाया जाएगा कोयला
राज एक्सप्रेस (rajexpress.co)। कोयले की कमी (coal shortage) और बिजली संकट (power crisis) के बीच, संकट दूर करने भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने मोर्चा संभाला है। रेलवे (railways) ने 29 अप्रैल को कहा कि; वह देश भर में कोयले की रेक (coal rakes) की आवाजाही को प्राथमिकता देने के लिए 657 मेल और यात्री ट्रेनों को रद्द कर देगा।
रेलवे (railways) ने कहा कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (South East Central Railways) ने 296 यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
कोयला बनाम बिजली –
कोयले की कमी (coal shortage) और बिजली संकट (power crisis) के बीच भारत के तमाम राज्यों में बिजली की मांग बढ़ने से बिजली कटौती की जा रही है। तेज गर्मी के कारण राज्यों में बिजली की खपत बढ़ने से बिजली की कटौती करनी पड़ रही है। बिजली की कटौती के कारण उद्योग धंधों से लेकर खेती-किसानी तक पर प्रतिकूल असर पड़ता देखा जा रहा है।
24 मई तक रद्द रहेंगी -
रेलवे (Railways) ने कहा कि थर्मल पावर प्लांटों (thermal power plants) में महत्वपूर्ण इनपुट की अभूतपूर्व कमी से निपटने के लिए 657 मेल और यात्री ट्रेनें (mail and passenger trains) 24 मई तक रद्द रहेंगी। इसमें दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (South East Central Railway) द्वारा रद्द की गई 296 यात्री ट्रेनें शामिल हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) के अनुसार, सरकार ने कोयला वैगनों (coal wagons) के लिए प्राथमिकता वाले मार्गों और तेजी से बदलाव सुनिश्चित करने के लिए 657 मेल / एक्सप्रेस / यात्री ट्रेन (Mail/Exp/Passenger train) सेवाओं को रद्द करने का निर्णय लिया है। सूची में पढ़िये प्रभावित ट्रेनों की जानकारी।
अतिरिक्त रेक लगाए गए -
कुल 533 कोयला रेक (coal rakes) को कोयला परिवहन के लिए लगाया गया है। बिजली क्षेत्र (power sector) के लिए कल 427 रेकों (rakes) का लदान किया गया। एजेंसी की खबर के अनुसार 1.62 मिलियन टन कोयला बिजली क्षेत्र (power sector) के लिए लोड किया गया।
657 ट्रेनों में कितनी कौन सी?
रद्द की गई 657 ट्रेनों में से 500 से अधिक ट्रिप लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए हैं, जबकि 148 ट्रिप पैसेंजर रेल के लिए हैं।
इस कदम के बाद, रेलवे ने कोयला रेक की औसत दैनिक लोडिंग 400 से अधिक कर दी है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है।
इससे पहले, पिछले कुछ हफ्तों में, रेलवे को कोयला ले जाने के लिए अधिक रास्ता आवंटित करने के लिए प्रतिदिन लगभग 16 मेल / एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनों को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
422 कोयला रेक की दरकार -
हाल ही में, कोयला मंत्रालय (Coal ministry) ने रेलवे से वर्तमान बिजली की मांग को पूरा करने के लिए प्रतिदिन लगभग 422 कोयला रेक (coal rakes) चलाने का अनुरोध किया था। हालांकि, प्रतिदिन केवल 410 रेक का ही संचालन किया जा रहा है।
8 अप्रैल को बिजली मंत्री (Power minister) आरके सिंह (RK Singh) ने कहा था कि, कुछ राज्यों में बिजली की कमी हो रही है क्योंकि उत्पादन फर्मों को भुगतान नहीं किया गया है। सिंह के अनुसार, राज्य घरेलू कोयले को युद्ध स्तर पर नहीं उठा रहे थे, ईंधन के आयात को बढ़ा रहे थे और उच्च ईंधन लागत के पास-थ्रू की अनुमति दे रहे थे।
कोयले पर निर्भरता -
भारत की लगभग 70 प्रतिशत बिजली की मांग कोयले से पूरी होती है। आपूर्ति में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, रेलवे ने चुनिंदा मार्गों पर रेल और पार्सल के लिए लोडिंग प्रतिबंध भी लगाए हैं।
दर्जन भर राज्य प्रभावित –
भीषण गर्मी और कोयले की किल्लत के कारण देश में गहराते बिजली संकट के कारण उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश आदि लगभग 12 राज्यों में जनता को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
अप्रैल माह में ही तेज गर्मी देश भर में कहर बरपा रही है। यूपी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में बिजली की खपत बढ़ने से बिजली की मांग और आपूर्ति का गणित गड़बड़ा गया है।
बिजली उत्पादन, मांग और आपूर्ति की गुत्थी को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने कोयला परिवहन करने वाली रेल मालगाड़ियों का रास्ता साफ करने के लिए पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है।
सरकार ने थर्मल पावर स्टेशनों तक कोयले की आपूर्ति जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के लिए यह रूपरेखा बनाई है।
रूस से गैस आपूर्ति ठप -
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया है कि, रूस से गैस की आपूर्ति ठप हो गई है। जबकि थर्मल पावर प्लांट में कोयले का 21 मिलियन टन स्टॉक मौजूद है। यह स्टॉक आगामी दस दिनों के लिए पर्याप्त है।
बताया जा रहा है कि, कोल इंडिया को मिलाकर भारत के पास इस समय लगभग 30 लाख टन कोयला संग्रह है। यह संग्रह 70 से 80 दिनों के लिए काम आ सकता है। मंत्री के अनुसार उसके बाद भी पावर प्लांट बंद होने की कोई संभावना नहीं है।
NTPC ने किया आश्वस्त -
नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (NTPC) के अनुसार दादरी की सभी 6 जबकि ऊंचाहार की 5 यूनिट अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य में रत हैं। एनटीपीसी ने कोयले की लगातार सप्लाई मिलने और पर्याप्त कोयला स्टॉक की बात कही है।
बिजली संकट गहराने की मुख्य वजह भीषण गर्मी के कारण बढ़ी खपत तो है ही, साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कोयले के आयात पर पड़ने वाला असर भी है। सूत्र आधारित खबरों के अनुसार झारखंड में कोल कंपनियों को बकाया भुगतान न किए जाने के कारण भी बिजली संकट पैदा हुआ।
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डिस्क्लेमर – आर्टिकल मीडिया एवं एजेंसी रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त जानकारी जोड़ी गई हैं। इसमें प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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