ईजीएम में एडटेक बायजूज के निवेशकों ने रवींद्रन, उनकी पत्नी और भाई को बोर्ड से बाहर निकाला

बायजूज के निवेशकों ने कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी रवींद्रन बायजू, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजु रवींद्रन को कंपनी के बोर्ड से बाहर निकाला।
Byju Raveendran
Byju RaveendranRaj Express
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हाईलाइट्स

  • स्टार्टअप में रवींद्रन व उनके परिजनों की 26% हिस्सेदारी

  • वित्तीय अप्रबंधन की वजह से मौजूदा बोर्ड को हटाया गया

  • बायजूज इन्वेस्टर्स ने NCALT में मैनेजमेंट के खिलाफ केस किया

राज एक्सप्रेस । एडटेक स्टार्टअप बायजूज के निवेशकों ने कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी रवींद्रन बायजू, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजु रवींद्रन को कंपनी के बोर्ड से बाहर कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (ईजीएम) में यह निर्णय लिया गया है। स्टार्टअप के प्रोसस, जनरल अटलांटिक और पीक एक्सवी जैसे कई अहम निवेशकों ने ईजीएम में रवींद्रन और उनके परिजनों को बोर्ड से बाहर करने का निर्णय लिया है। ईजीएम में लिए गए इस फैसले को पूरी तरह गलत बताते हुए रवींद्रन और उनके परिवार ने ईजीएम और उसमें किए गए मतदान को पूरी तरह से अवैध बताया।

कल ईजीएम में लगभग 60% शेयरहोल्डिंग वाले निवेशकों ने कंपनी में लीडरशिप और गवर्नेंस में बदलाव करने संबंधी प्रस्तावों को पारित करने के पक्ष में मतदान किया। जबकि, रवींद्रन और उनके परिजनों ने ईजीएम और मतदान को पूरी तरह से अवैध बताया। रवींद्रन और उनका परिवार इस बैठक में शामिल नहीं हुए। बता दें कि कंपनी में रवींद्रन और उनके परिवार की लगभग 26 फीसदी हिस्सेदारी है।

निवेशकों ने माना कि रवींद्रन के नेतृत्व वाला यह स्टार्टअप प्रबंधन की गड़बड़ियों की वजह से इस स्तर पर असफलता का शिकार हुआ। जिन शेयर होल्डर्स ने ईजीएम बुलाई थी, उनके पास बायजूज में 30 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है। निवेशकों ने ईजीएम में लीडरशिप में सुधार करने, बोर्ड को रिकंस्टीट्यूट करने और एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े उल्लंघनों की फोरेंसिक जांच शुरू करने से संबंधित प्रस्ताव भी पारित किए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, इन्वेस्टर्स ने फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट, कंपनी के लीगल राइट्स को लागू करने में मैनेजमेंट की विफलता के कारण वैल्यू में गिरावट और महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाने की वजह से मौजूदा बोर्ड को हटाया है। कल शुक्रवार को बुलाई गई ईजीएम लगभग 4 घंटे तक चली और प्रस्तावों पर मतदान के बाद समाप्त हुई। बता दें कि शुक्रवार को होने वाले मतदान का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा। उस दिन कर्नाटक हाईकोर्ट कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करने वाला है।

इससे पहले, हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को बायजूस के शेयरधारकों की ओर से आहुत ईजीएम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इससे पहले बायजूस के 4 इन्वेस्टर्स के एक ग्रुप ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ में कंपनी के मैनेजमेंट के खिलाफ हैरेसमेंट और मिसमैनेजमेंट का केस रजिस्टर कराया। इन्वेस्टर्स ने एनसीएलटी से कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन सहित कंपनी को चलाने वाले लोगों को अयोग्य घोषित करने और नया बोर्ड नियुक्त करने की मांग की।

इसके साथ ही कंपनी के फोरेंसिक ऑडिट और राइट्स इश्यू को शून्य घोषित करने की मांग की गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग ऑर्गनाइजर्स को ऑथराइज पार्टिसिपेट को आईडेंटिफाई करने में 2 घंटे का समय लग गया। बायजू सूत्रों ने बताया जनरल मीटिंग (ईजीएम) में टेक्निकल प्रॉब्लम्स थीं, जो सुबह 9 बजे से शुरू होकर लगभग चार घंटे तक चलीं। इस मामले में बायजूस के प्रवक्ता ने कहा कि एनसीएलटी में कोई याचिका लगाई गई है, इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसी कोई याचिका दाखिल की गई है, तो कानूनी प्रक्रिया के अनुसार इसका जवाब दिया जाएगा।

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