सरकार के आयात शुल्क घटाते ही गिरे खाने के तेल के दाम

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा तेल कंपनियों को खाने के तेल की कीमतों को कम करने के निर्देश दिए। इन आदेशों के बाद अब खाने के तेल की कीमत में गिरावट दर्ज हुई है।
सरकार के आयात शुल्क घटाते ही गिरे खाने के तेल के दाम
सरकार के आयात शुल्क घटाते ही गिरे खाने के तेल के दामSocial Media
Published on
Updated on
3 min read

राज एक्सप्रेस। आज देश में बढ़ती महंगाई ही सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है। ऐसे में अगर आम आदमी को किसी एक वस्तु की कीमत में भी गिरावट दर्ज होती है तो, उसके लिए बड़ी राहत होती है। ऐसी ही राहतभरी खबर अब आम आदमी के खाने के तेल की कीमत में दर्ज हुई है। जी हां, हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा तेल कंपनियों को खाने के तेल की कीमतों को कम करने के निर्देश दिए। इन आदेशों के बाद अब खाने के तेल की कीमत में गिरावट दर्ज हुई है।

खाने के तेल की कीमत में गिरावट :

दरअसल, केंद्र सरकार ने खाने के तेल पर लगने वाले आयात शुल्क की कीमत को घटा दिया है। दूसरी तरफ विदेशों में खाद्य तेलों के बाजार में गिरावट देखने को मिली है। दर्ज हो रही गिरावट के चलते देश में आयातकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि उन्होंने जिस कीमतों में डील की थी अब उससे काम कीमत में उन्हें तेल बेचना पड़ रहा है। इस मामले में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि, इंडोनेशिया ने निर्यात को बढ़ावा देने और हाई इन्वेंट्री को कम करने के लिए 31 अगस्त तक सभी पाम तेल प्रोडक्ट्स के लिए अपने निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया है।

सबसे बड़ा पाम तेल निर्यातक :

जैसा कि, सभी जानते है, दुनिया का सबसे बड़ा पाम तेल निर्यातक इंडोनेशिया है। पाम तेल प्रोडक्ट्स के लिए निर्यात शुल्क में कमी करने के फैसले से पाम तेल की कीमतों में और गिरावट आ सकती है और अप्रैल के अंत से एक साल में लगभग 50% की गिरावट दर्ज हो चुकी है। वहीं, देशी बाजारों में खाद्य तेलों की कीमत में दर्ज हुई गिरावट से देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में बीते सप्ताह सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट दर्ज हुई। इसके अलावा मूंगफली और कच्चे पामतेल (CPO) की कीमत भी गिरी है। हालांकि, बाकी तेल-तिलहनों की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

सूत्रों ने बताया :

बाजार की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि, 'इस गिरावट की वजह से देश में आयातकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि उन्होंने जिस भाव पर सौदे खरीदे थे अब उसे कम भाव पर बेचना पड़ रहा है। उन्होंने जिस CPO का आयात 2,040 डॉलर प्रति टन के भाव पर किया था उसकी अगस्त खेप का मौजूदा भाव घटकर लगभग 1,000 डॉलर प्रति टन रह गया है। यानी थोक में सीपीओ (सारे खर्च व शुल्क सहित) 86.50 रुपये किलो होगा। सोयाबीन में आई गिरावट के कारण पामोलीन तेल के भाव भी टूट गये। CPO के कारोबार में सिर्फ भाव ही है कोई सौदे नहीं हो रहे क्योंकि आयातकों के खरीद भाव के मुकाबले दाम आधे से भी कम चल रहे हैं। पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह -

  • सरसों दाने का भाव 125 रुपये की गिरावट के साथ 7,170-7,220 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

  • सरसों दादरी तेल समीक्षाधीन सप्ताहांत में 250 रुपये की गिरावट के साथ 14,400 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ।

  • सरसों पक्की घानी तेल की कीमत 35 रुपये घटकर 2,280-2,360 और कच्ची घानी तेल की कीमतें 35 रुपये घटकर 2,320-2,425 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।

  • कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 50 रुपये बढ़कर 10,950 रुपये क्विंटल हो गया।

  • पामोलीन दिल्ली का भाव 400 रुपये टूटकर 12,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

  • पामोलीन कांडला का भाव 250 रुपये टूटकर 11,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com