नोमुरा ने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाया, जताई RBI के पूर्वानुमान पर सहमति
राज एक्सप्रेस। पिछले सालों के दौरान देश में काफी महंगाई बड़ी है। लगभग वस्तुएं महंगी हुई हैं। क्योंकि, देश में कोरोना काल के बाद आर्थिक हालात काफी खराब रहे। उसके बाद रूस और यूक्रेन के बीच जंग का भी काफी बुरा असर भारत पर हुआ। जिसके चलते साल 2022 के आखिरी महीने तक महंगाई बड़ी है। वहीँ इस साल देखना यह होगा कि, भारत में इस साल महंगाई का क्या हाल होगा। इसी बिच जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा (Nomura) ने खुदरा महंगाई को जताया है।
नोमुरा ने जताया खुदरा महंगाई पर अनुमान :
दरअसल, भारत में कई एजेंसियां और ब्रोकरेज कंपनियां हैं, जो समय समय पर देश में बढ़ती महंगाई को लेकर अनुमान जताती रहती हैं। वहीँ, अब जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा भी ताजा अनुमान जारी किया है। यह अनुमान जताते हुए ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा (Nomura) ने कहा है कि,
'भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का 2023-24 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान ‘बहुत आशावादी’ है। अक्तूबर, 2023 से ब्याज दर में कटौती का सिलसिला शुरू हो सकता है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं व अन्य चुनौतियों के बीच आरबीआई का यह अनुमान बहुत आशावादी है। ब्रोकरेज कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के घटकर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। RBI के वृद्धि पूर्वानुमान में एक फीसदी से ज्यादा की कमी की आशंका जताते हुए कमजोर वैश्विक वृद्धि व घरेलू मौद्रिक नीति में सख्ती के प्रभावों को इसके लिए जिम्मेदार बताया है।'
नोमुरा, ब्रोकरेज कंपनी
नोमुरा ने जताई RBI के पूर्वानुमान पर सहमति :
नोमुरा द्वारा महंगाई से जुड़ी RBI के पूर्वानुमान पर सहमति जताई गई है। नोमुरा ने सहमति जताते हुए कहा है कि, 'सकल मुद्रास्फीति का सबसे बुरा दौर पीछे छूट चुका है। इसलिए केंद्रीय बैंक जून की मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी रेपो दर में वृद्धि पर रोक जारी रख सकता है। हालांकि, जून के बाद महंगाई के लक्ष्य से थोड़ा पीछे रहने और आर्थिक वृद्धि पर उसका असर पड़ने की आशंका भी जताई है।'
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