IMF का इंडियन इकॉनमी में वृद्धि का अनुमान, चीन के मुकाबले भारत में सुधार

गौरतलब है कि; चीन एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है जहां पिछले साल कोविड-19 महामारी के दौरान सकारात्मक विकास दर थी।
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हाइलाइट्स –

  • पिछले अनुमान से 1% ज्यादा सुधार

  • वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि की उम्मीद

  • उभरती एवं उन्नत इकॉनमीज़ के मुकाबले ज्यादा

राज एक्सप्रेस। कोरोना संकट से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सुकून भरी खबर आई है। कोरोना वायरस महामारी के दूसरे हमले के बीच IMF ने भारत में वृद्धि का अनुमान जताया है।

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) अर्थात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) रिपोर्ट में भारत में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपनी आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में वृद्धि की है।

आर्थिक वृद्धि दर इतनी -

IMF की रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 12.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है। यह वृद्धि अनुमान अन्य उभरती एवं उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अधिक बताया गया है।

पिछले अनुमान से इतना ज्यादा -

IMF ने 1 अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में 12.5% की वृद्धि का अनुमान रिपोर्ट में जताया है। यह अनुमान आईएमएफ के जनवरी वाली रिपोर्ट में अनुमानित 11.5% की वृद्धि से 1 फीसदी अधिक है।

इसके साथ ही IMF ने इससे आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भी भारत के आर्थिक वृद्धि अनुमान में सुधार किया है। जनवरी में अनुमानित 6.8% के मुकाबले यह अनुमान अब बढ़ाकर 6.9% बताया गया है।

इकोनॉमिक आउटलुक में उम्मीद -

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) अर्थात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मंगलवार को साल 2021 में 12.5 प्रतिशत की दर से भारत के लिए एक प्रभावशाली विकास दर का अनुमान लगाया।

यह अनुमान चीन की तुलना में मजबूत है। गौरतलब है कि; चीन एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है जहां पिछले साल कोविड-19 महामारी के दौरान सकारात्मक विकास दर थी।

साथ ही IMF का मानना है कि भारत वह एकमात्र अर्थव्यवस्था होगी जिसमें साल 2021-22 के दौरान दोहरे अंक की वृद्धि दर हासिल करने का माद्दा होगा।

विश्व बैंक के साथ वार्षिक स्प्रिंग मीटिंग से पहले वैश्विक वित्तीय संस्थान ने अपने इकोनॉमिक आउटलुक में कहा कि; भारत की अर्थव्यवस्था साल 2022 में 6.9 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।

भारत बनाम चाइना -

उल्लेखनीय रूप से वर्ष 2020 में, अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड आठ प्रतिशत का संकुचन हुआ। आईएमएफ ने कहा कि उसने साल 2021 में भारत के लिए 12.5 प्रतिशत की प्रभावशाली दर का अनुमान लगाया है।

दूसरी ओर चीन, जो वर्ष 2020 में 2.3 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर वाली एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था थी, के लिए आईएमएफ ने साल 2021 में 8.6 जबकि 2022 में 5.6 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद जताई है।

रिपोर्ट में अनुमान -

रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में अनुमानित –3.3 प्रतिशत के संकुचन के बाद, वैश्विक अर्थव्यवस्था में वर्ष 2021 के दौरान 6 प्रतिशत वृद्धि जबकि 2022 में 4.4 प्रतिशत तक मंदी का अनुमान है।

“अब हम अपने पिछले पूर्वानुमान की तुलना में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए साल 2021 और 2022 में एक मजबूत रिकवरी का अनुमान लगा रहे हैं, 2021 में विकास दर 6 प्रतिशत और 2022 में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।"

गीता गोपीनाथ, मुख्य अर्थशास्त्री, IMF

अपेक्षा से अधिक वृद्धि -

अक्टूबर 2020 में अनुमानित वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) की तुलना में 2020 के लिए संकुचन 1.1 प्रतिशत अंक छोटा है, तालाबंदी के बाद अधिकांश क्षेत्रों में वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान ढील दी गई जिससे अर्थव्यवस्थाओं ने काम करने के नए तरीकों के लिए खुद को ढाला है। ऐसे में अनुमान अपेक्षा से अधिक वृद्धि को दर्शाता है।

अक्टूबर 2020 WEO की तुलना में 2021 और 2022 के लिए अनुमान 0.8 प्रतिशत है जो कि 0.2 प्रतिशत पॉइंट्स मजबूत है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अतिरिक्त राजकोषीय समर्थन और साल की दूसरी छमाही में वैक्सीन से संचालित होने वाली रिकवरी को दर्शाता है।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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