2030 तक 2.2 प्रतिशत रह सकती है वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार : विश्व बैंक
वाशिंगटन। विश्व बैंक ने बिना मुद्रास्फीति के 2030 वैश्विक अर्थव्यवस्था की तथाकथित ‘गति सीमा’ या अधिकतम रफ्तार 2.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले 30 साल में सबसे कम है।
विश्व बैंक ने सोमवार को एक नयी रिपोर्ट में कहा, “रिपोर्ट एक चिंताजनक प्रवृत्ति का दस्तावेजीकरण करती है। पिछले तीन दशकों में प्रगति और समृद्धि को संचालित करने वाली लगभग सभी आर्थिक ताकतें लुप्त होती जा रही हैं। परिणामस्वरूप 2022 और 2030 के बीच संभावित वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में लगभग एक तिहाई की गिरावट आने की उम्मीद है।”
विश्व बैंक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की जीडीपी की गति सीमा में 2000 और 2010 के बीच छह प्रतिशत की तुलना में इस दशक की शेष अवधि में केवल चार प्रतिशत रहने का आसार है। विश्व बैंक ने कहा कि वैश्विक मंदी या वित्तीय संकट की स्थिति में ये गिरावट बहुत तेज होगी।
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री एवं विकास अर्थशास्त्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंदरमित गिल ने कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह खराब दशक हो सकता है। संभावित विकास में चल रही गिरावट का हमारे समय के लिए अद्वितीय चुनौतियों की बढ़ती श्रृंखला से निपटने की दुनिया की क्षमता के लिए गंभीर खतरा है, जो गरीबी, अलग-अलग आय और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के रूप में सामने हैं, लेकिन यह गिरावट उलटा है।”
विश्व बैंक के विश्लेषण में कहा गया है कि अगर सरकारें काम को प्रोत्साहित करने, उत्पादकता बढ़ाने और निवेश को गति देने के लिए विकासोन्मुखी नीतियों को अपनाती हैं तो वैश्विक जीडीपी गति सीमा को 0.7 प्रतिशत बढ़ाकर औसतन 2.9 प्रतिशत किया जा सकता है।
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