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4 रेल ‘कार्गो टर्मिनल’ मंजूर, साल के अंत तक देश के अन्य भागों से जुड़ जाएगा उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक साल के अंत तक देश के अन्य हिस्सों से रेल नेटवर्क के जरिए जुड़ जाएगी। माल ढुलाई के लिए पहली बार चार रेल कार्गो टर्मिनल को मंजूरी दी गई है।
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राज एक्सप्रेस। जम्मू को कश्मीर से जोड़ने वाली उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक साल के अंत तक देश के बाकी हिस्सों से रेल नेटवर्क के जरिए जुड़ जाएगी। जम्मू एवं कश्मीर राज्य में कारोबारियों और व्यवसाय की जरूरत को ध्यान में रखते हुए माल ढुलाई के लिए पहली बार चार रेल कार्गो टर्मिनल को मंजूरी दी गई है। रेल नेटवर्क से जुड़ने के बाद कारोबारी पश्मीना शाल से लेकर केसर, फल, ड्राई फ्रूट्स और रोजमर्रा की चीजों की खरीद-फरोख्त आसानी से कर सकेंगे। इस रेल मार्ग के शुरू होने से जम्मू कश्मीर के व्यापारियों को विशेष रूप से लाभ होगा। वे अब अपना माल देश के किसी भी हिस्से तक ले जा सकेंगे। इससे पिछले काफी समय से आतंकवाद की वजह से संकटग्रस्त राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

तेजी से सामान्य जीवन की ओर लौट रहा राज्य

जम्मू कश्मीर अब तक तेजी से सामान्य जीवन की ओर लौट रहा है। आंतकवाद से जुड़ी घटनाओं में कमी आ गई है और यहां का लोकजीवन पटरी पर लौटता दिखाई दे रहा है। केंद्र और राज्य सरकार पिछले काफी समय से राज्य में कारोबारी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की योजना बना रही है। जम्मू कश्मीर में कश्मीर घाटी को रेल के जरिए सीधे देश से जोड़ने का काम तेज हो गया है। जम्मू को कश्मीर से जोड़ने वाली 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का काम इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। राज्य के कारोबारियों की परेशानी और व्यवसाय को ध्यान में रखते हुए बनिहाल-बारामूला रेल मार्ग पर चार रेल कार्गो टर्मिनल को मंजूरी दी गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार तीन कार्गो टर्मिनल के लिए जमीन मिल गई है। इस समय रेल कार्गो को संभालने के लिए देश भर में 146 गति-शक्ति कार्गो टर्मिनल हैं।

कारोबारियों और किसानोें को होगा लाभ

रेल नेटवर्क से राज्य के जुड़ने और कार्गो टर्मिनल के बनने के बाद कारोबारी और किसान आसानी से रेल से कम खर्च और कम समय पर सामानों की आवाजाही कर सकेंगे। राज्य में पश्मीना शाल से लेकर केसर, फल, फूल, ड्राई फ्रूट्स और रोजमर्रा की चीजों की मांगे देश के अन्य भागों में है। कोंकण रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल और अंजी पुल सहित प्रमुख सुरंगों का काम भी दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 47 में से 41 हिस्से पहले ही तैयार किए जा चुके हैं, पूरी परियोजना को जोड़ना बहुत जटिल है।

देश में हैं 146 गति-शक्ति कार्गो टर्मिनल

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में चल रहे विभिन्न व्यवसाय को लेकर रेलवे का वाणिज्य विभाग आकलन करेगा। इससे राज्य में हो रहे विभिन्न प्रकार के व्यवसाय व कृषि कार्य की सही जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि इस समय माल ढुलाई के लिए देश भर में 146 गति-शक्ति कार्गो टर्मिनल हैं। माल ढुलाई में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे ‘गति शक्ति फ्रेट टर्मिनलों’ के विकास को प्राथमिकता दे रही है। 2021-22 के 21 कार्गो टर्मिनलों की तुलना में 2022-23 के दौरान 30 कार्गो टर्मिनल बनाए गए।

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