जर्मनी। दुनिया के लगभग सभी देश बुरी तरह कोरोना वायरस की चपेट में आचुके हैं। कई देश ऐसे भी हैं जो, कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। इन्हीं देशों में जर्मनी भी शामिल है। इसी के चलते जर्मनी में एक बार फिर आंशिक तौर पर लॉकडाउन लगा दिया गया है और लॉकडाउन लागू रहने से देश को कितना नुकसान उठाना पड़ता है, इसका अंदाजा आज हर कोई लगा सकता है। इसी बीच जर्मनी की कील इंस्टिट्यूट फॉर द वर्ल्ड इकनॉमी के हैड गैबरियल फैल्बरमेयर ने कोरोना कीवैक्सीन को जर्मनी की अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर बताया है।
कील इंस्टिट्यूट फॉर द वर्ल्ड इकनॉमी के हैड का बयान :
दरअसल, लॉकडाउन के चलते जर्मनी की अर्थव्यवस्था पर भी काफी असर पड़ा है। इस गिरावट के बावजूद भी जर्मनी की कील इंस्टिट्यूट फॉर द वर्ल्ड इकनॉमी के हैड गैबरियल फैल्बरमेयर ने एक बयान में कहा है कि, 'कोविड-19 की वैक्सीन जर्मनी की आर्थिक रफ्तार को तेज करने में एक गेम चेंजर साबित होगी। ईटा ही नहीं कुछ साइड इफेक्ट वाली कोरोना वैक्सीन भी सब कुछ बदलकर रख देगी।'
अर्थशास्त्री गैबरियल फैल्बरमेयर का कहना :
बता दें, गैबरियल फैल्बरमेयर एक अर्थशास्त्री है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, 'पहले चरण में कोविड-19 वैक्सीन उन लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सकेगी जिन्हें इस वायरस से संक्रमित होने की आशंका होगी। ये चरण पूरा होने के बाद देश में एक बार फिर से कल्चरल एक्टिविटी शुरू हो सकेंगी और रेस्तरां और होटल भी बिना डर के खोले जा सकेंगे। ये भी हो सकता है कि, गर्मियों के बाद लोगों और व्यापार पर लगी कई तरह की पाबंदियों को हटा लिया जाए। उनके मुताबिक एक बार जर्मनी के 50-60% लोगों को ये वैक्सीन मिल जाएगा तो हर तरह की पाबंदियों को हटा लिया जाएगा।'
जर्मनी में आंशिक तौर पर लॉकडाउन :
बताते चलें कि, जर्मनी दुनियाभर के देशों में कोविड-19 के मामले में तीसरे नंबर का देश हैं। यहां भी कोरोना की दूसरी लहर को देखने को मिल रही हैं। इसी के चलते पूरे जर्मनी में आंशिक तौर पर लॉकडाउन लगा दिया गया है। यहां एक बार फिर बार, रेस्तरां, सिनेमाघर, और जिम जैसे स्थानों को एक बार फिर नवंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि, आवश्यक सेवा से जुड़े स्थान अभी भी खोले जाएंगे।
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