हाइलाइट्स –
2.2 करोड़ रु. की पेमेंट का खुलासा
जांच प्रक्रिया के बारे में दी जानकारी
Metaverse/Web 3.0 पर बोले मंत्री
राज एक्सप्रेस (rajexpress.co)। एनसीबी (NCB) और सीबीआईसी (CBIC) ने मादक पदार्थों की तस्करी के 11 मामलों में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के माध्यम से 2.2 करोड़ रुपये के भुगतान का खुलासा किया है। इस बारे में संसद को सोमवार को सूचित किया गया।
वित्त राज्य मंत्री का जवाब -
लोक सभा (Lok Sabha) में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री (Minister of State for Finance) पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) ने कहा कि,
“सरकार साइबर और फोरेंसिक प्रौद्योगिकियों (cyber and forensic technologies) पर फील्ड अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से साक्ष्य एकत्र करने जैसे कदम उठा रही है ताकि इस तरह के दुरुपयोग की जांच की जा सके।”
सरकार की तैयारी -
मंत्री ने नशीले पदार्थों की तस्करी (drug trafficking) में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के उपयोग की जांच के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
उन्होंने तकनीकी विशेषज्ञों के साथ नियमित संपर्क, विदेशी दवा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली सहित उपकरणों की खरीद के लिए राज्यों की सहायता को भी सूचीबद्ध किया।
Metaverse/Web 3.0 -
एक अलग सवाल के जवाब में कि क्या सरकार मेटावर्स/वेब 3.0 (Metaverse/Web 3.0) पर किसी नियम की घोषणा करने की योजना बना रही है, के जवाब में चौधरी ने कहा कि,
"मेटावर्स/वेब 3.0 (Metaverse/Web 3.0) से संबंधित प्रौद्योगिकियां अभी विकास के दौर में हैं।"
उन्होंने कहा, "सरकार नई प्रौद्योगिकियों के उद्भव और उभरती प्रौद्योगिकियों के तेजी से प्रसार, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence), ब्लॉकचैन (Blockchain), ड्रोन (Drone), ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (Augmented Reality/Virtual Reality), मेटावर्स (Metaverse), वेब 3.0 (Web 3.0) आदि के बारे में परिचित है।"
क्रिप्टो पर सरकार सख्त -
इसके पहले भी सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़़े लेनदेन के बारे में स्थिति स्पष्ट कर चुकी है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 28 मार्च को लोकसभा में 11 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी थी।
चौधरी ने बताया था कि, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों (Cryptocurrency Exchange) से ब्याज और जुर्माना शुल्क सहित 95.86 करोड़ रुपये वसूल किए गए हैं।
क्रिप्टो एक्सचेंजों के, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (Goods and Services Tax/GST/जीएसटी) यानी माल और सेवा कर की चोरी में शामिल होने के बारे में MoS का कहना था कि, जीएसटी चोरी के कुछ मामलों का पता केंद्रीय जीएसटी संरचनाओं द्वारा लगाया गया।
हालांकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी में व्यवहार के बारे में अनिश्चितता है। विशेषज्ञों के मुताबिक वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए/VDAs) में व्यापार से होने वाली आय के लिए विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टता का अभाव है।
क्रिप्टो लेनदेन का इतिहास बहुत संक्षिप्त होने के कारण सरकार विनियमों के लागू होने के बाद कार्यान्वयन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों को समझने की अभी प्रारंभिक स्थिति में कही जा सकती है।
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