भारत की प्रतिष्ठा सुधारने रेट्रो टैक्स (Retro tax) कदम कितना मददगार?

वित्त मंत्रालय ने पूर्वव्यापी कराधान (Retrospective/Retro taxation) को खत्म करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया है।
भारत की प्रतिष्ठा सुधारने रेट्रो टैक्स (Retro tax) कदम कितना मददगार?
भारत की प्रतिष्ठा सुधारने रेट्रो टैक्स (Retro tax) कदम कितना मददगार?Neelesh Singh Thakur –
Published on
Updated on
6 min read

हाइलाइट्स –

  • समाप्त होगा कर का आतंक!

  • चुनावी संकल्प देर से हुआ पूरा!

  • पूर्वव्यापी (retrospective) कराधान समाप्त

राज एक्सप्रेस (RAj Express)। सात साल बिल्ली की तरह दबे पांव चलने और अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के बाद, भारत सरकार ने आखिरकार "कर आतंक" (“tax terror”) को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाया है।

वर्ष 2014 के चुनाव अभियान के दौरान किए गए उस संकल्प को पूरा करते हुए, जिसने पहली बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में पहुंचाया।

क्या यह नई दिल्ली और वैश्विक राजधानी के बीच एक खुले, पूर्वानुमेय और निष्पक्ष संबंधों के आरंभ की एक नई शुरुआत है? इस प्रश्न का सकारात्मक उत्तर देने के लिए बहुत अधिक साक्ष्य की आवश्यकता होगी।

अधिक पढ़ने शीर्षक को स्पर्श/क्लिक करें –

भारत की प्रतिष्ठा सुधारने रेट्रो टैक्स (Retro tax) कदम कितना मददगार?
केंद्र को RBI सरप्लस ट्रांसफर से अर्थव्यवस्था और बाजार पर पड़ेगा कैसा असर?

संसद में एक विधेयक पेश -

वित्त मंत्रालय ने पूर्वव्यापी कराधान (Retrospective/Retro taxation) को खत्म करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया है। इसे पिछली कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा वर्ष 2012 में पेश किया गया था।

इसके मुताबिक कठोर अतिरेक ने राजकोष को वहां 50 साल पीछे जाने और पूंजीगत लाभ लेवी लगाने का अधिकार दिया, जहां विदेशों में स्वामित्व बदल गया था, लेकिन व्यावसायिक संपत्ति भारत में थी।

अधिक पढ़ने शीर्षक को स्पर्श/क्लिक करें –

भारत की प्रतिष्ठा सुधारने रेट्रो टैक्स (Retro tax) कदम कितना मददगार?
70 फीसद भारतीय स्टार्टअप के पास 3 माह से कम कैश रिजर्व

वोडाफोन ग्रुप पीएलसी (Vodafone Group Plc) को 2007 में केमैन आइलैंड्स स्थित निवेश फर्म खरीदने के लिए 20,000 करोड़ रुपये (2.7 बिलियन डॉलर) का बिल भेजा गया था। जिसने हांगकांग के टाइकून ली का-शिंग के भारतीय वायरलेस व्यवसाय को नियंत्रित किया।

सुप्रीम कोर्ट ने यह माना -

भारत के अपने सर्वोच्च न्यायालय ने इस सौदे को घरेलू कराधान के दायरे से परे माना था। कांग्रेस सरकार इस समय दूरसंचार लाइसेंसों को लेकर एक बड़े घोटाले का सामना कर रही थी। ऐसे में कांग्रेस टैक्स कोड को पूर्वव्यापी रूप से बदलकर ब्रिटिश ऑपरेटर की राह चल पड़ी थी।

अधिक पढ़ने शीर्षक को स्पर्श/क्लिक करें –

भारत की प्रतिष्ठा सुधारने रेट्रो टैक्स (Retro tax) कदम कितना मददगार?
क्या ‘अर्पू’ में कैद है एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया, जियो की जान?

राजस्व अधिकारियों ने विनाश के नये पक्के मार्ग के लिए अपनी बाजीगरी को कम करने में बिलकुल समय नहीं गंवाया। जिसके तहत यूके एनर्जी एक्सप्लोरर ने 2006 में अपने भारतीय तेल क्षेत्र के स्वामित्व केयर्न इंडिया लिमिटेड को स्थानीय इकाई की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश की तैयारी के लिए स्थानांतरित कर दिया था।

मार्च 2015 में 4.3 अरब डॉलर की टैक्स की मांग सामने आई। उस समय तक नई दिल्ली में सरकार बदल चुकी थी।

मध्यस्थता अवार्ड -

पिछले क्रिसमस, एडिनबर्ग स्थित फर्म ने वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd.) में भारत के शेयरों को जब्त करने के बाद हुए नुकसान की भरपाई के लिए 1.2 बिलियन डॉलर का अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अवार्ड हासिल किया (जिसके साथ केयर्न ने दो दशकों में भारत की सबसे बड़ी तटवर्ती खोज राजस्थान के तेल क्षेत्र का विलय कर दिया था।) ने लाभांश को रखा और स्टॉक बेच दिया।

पहले वोडाफोन (Vodafone) ने जीत हासिल की थी। हेग (Hague) में मामले से जुड़े एक पैनल ने कर की मांग (tax demand) को खारिज कर दिया था। इसे नीदरलैंड के साथ भारत के निवेश संरक्षण समझौते के तहत उचित व्यवहार का उल्लंघन पाया गया और टेल्को को कॉस्ट अवार्ड की गई।

भारत की छवि -

यदि पूर्वव्यापी कराधान ने भारत की छवि को धूमिल किया, तो मध्यस्थता पुरस्कारों को स्वीकार करने से इनकार ने इसे और खराब कर दिया।

केयर्न (Cairn) न्यूयॉर्क से पेरिस तक भारतीय संप्रभु संपत्ति के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की मांग कर रहा है, जिसमें वेनेजुएला, कतर, लिथुआनिया और ट्यूनीशिया के समान लीग में एक प्रमुख भविष्य की शक्ति शामिल है।

यह देखा जाना बाकी है कि क्या कर संशोधन विधेयक के पारित होने से केयर्न (Cairn) के दावों का उचित निपटारा होगा। फर्म के लंदन-ट्रेडेड शेयरों में 26% एक दिवसीय उछाल (one-day surge) से पता चलता है कि निवेशक आशावादी हैं। हालांकि, भारत में वोडाफोन की किस्मत साथ नहीं दे रही।

पेट्रोकेमिकल्स ज़ार मुकेश अंबानी की 2016 की टेलिकॉम एंट्री द्वारा शुरू किए गए टैक्स झुकाव और मूल्य युद्ध ने स्थानीय इकाई की सार्वजनिक होने की योजना को विफल कर दिया।

अधिक पढ़ने शीर्षक को स्पर्श/क्लिक करें –

भारत की प्रतिष्ठा सुधारने रेट्रो टैक्स (Retro tax) कदम कितना मददगार?
क्या सरकार की मदद को मोहताज़ है वोडाफोन-आइडिया कंपनी ?

इसका साल 2018 में "मेटल मैग्नेट" कुमार मंगलम बिड़ला की वायरलेस सेवा के साथ इसका विलय हो गया था। इस बार भी समूह ने खुद को एक दफा फिर गलत पाले में पाया।

इस बार, सरकार ने वोडाफोन आइडिया लिमिटेड से पिछले राजस्व के अपने हिस्से के रूप में 7.8 बिलियन डॉलर की मांग की। गौरतलब है कि; 30 बिलियन डॉलर के कर्ज के साथ टेल्को ढलान पर है।

छवि और प्रभावित होगी -

यदि सेवा प्रदाता के 280 मिलियन ग्राहक कम हो जाते हैं, तो भारत दुनिया के सबसे विश्वासघाती दूरसंचार बाजार के रूप में देखा जाएगा। इससे देश और भी खराब प्रतिक्रिया अर्जित करेगा।

केयर्न (Cairn) को पिछली तारीख से कराधान को खत्म करने से वास्तविक धन मिलने की उम्मीद हो सकती है, लेकिन वोडाफोन (Vodafone) के लिए ऐसा नहीं है। जब तक इसकी भारतीय इकाई के सामने मौजूद अस्तित्व संबंधी चुनौती का समाधान नहीं होता, तब तक मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड सार्थक बचाव पूंजी प्रदान करने की संभावना नहीं रखते।

किसी हद तक, पिछली सरकार की गलती को दूर करने के लिए वित्त मंत्रालय का विलंबित कदम एक डैमेज कंट्रोल पीआर टूल बन जाता है: "देखो, हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।"

क्या उन्होंने किया? -

पूर्वव्यापी कर राज्य की विवेकाधीन कार्रवाई का सिर्फ एक पहलू है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां जिन्होंने भारत के 1.4 बिलियन लोगों के बाजार की क्षमता से अरबों डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है, उनके लिए कई अन्य कानूनी मुश्किलें इंतजार कर रही हैं।

वॉलमार्ट इंक (Walmart Inc.) उपभोक्ता संरक्षण विनियमन संबंधी एक मसौदे से जूझ रहा है। यह मसौदा फ्लिपकार्ट जो एक स्थानीय ई-कॉमर्स साइट है जिसे उसने 2018 में 16 बिलियन डॉलर में खरीदा था के व्यापार मॉडल को कमजोर करने की धमकी देता है।

फेसबुक इंक (Facebook Inc.) की व्हाट्सएप (WhatsApp) सेवा ने भारत सरकार के खिलाफ अदालत की राह पकड़ी है। इसने उन नियमों पर ध्यान आकृष्ट कराया है जो कहते हैं कि यह एंड-टू-एंड संदेश एन्क्रिप्शन (end-to-end message encryption) को नष्ट कर देगा।

फिनटेक और ऑन लाइन गेमिंग -

राइड-हेलिंग (ride-hailing) और आफ्टर-स्कूल ट्यूटरिंग (after-school tutoring) के लिए, बीजिंग निजी क्षेत्र को फिनटेक और ऑन लाइन गेमिंग की मदद से अपनी मर्जी से मोड़ने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।

लेकिन भारत में वैश्विक फर्मों को लक्षित किया जा रहा है, प्रतिस्पर्धा कम की जा रही है और अर्थव्यवस्था को स्थानीय पूंजीपति आधारित एकाधिकार बोर्ड में बदला जा रहा है।

अंबानी (Ambani) के नेतृत्व में टेलीकॉम सेक्टर एक तरह से दो घोड़ों की दौड़ बनने वाला है। इसी तरह एक फर्म, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (Adani Airport Holdings Ltd.) का अब संपूर्ण यात्री यातायात में 25% और एयर कार्गो में 33% हिस्सा है।

अधिक पढ़ने शीर्षक को स्पर्श/क्लिक करें –

भारत की प्रतिष्ठा सुधारने रेट्रो टैक्स (Retro tax) कदम कितना मददगार?
एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया तंत्र पर भारी जियो का एकाधिकार मंत्र!

मास्टरकार्ड इंक (Mastercard Inc.) को डेटा स्थानीयकरण नियमों के कथित गैर-अनुपालन के लिए नए ग्राहक बनाने से रोक दिया गया है। बाजार को वीज़ा इंक (Visa Inc.) और रुपे (RuPay) को सौंप दिया गया है। वे स्थानीय नेटवर्क जिन्हे राज्य द्वारा संचालित बैंकों को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है।

यदि पहले लिया जाता निर्णय -

अगर मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद पूर्वव्यापी कराधान को खत्म कर दिया होता, तो यह अर्थव्यवस्था को खुला, पारदर्शी और नियम-आधारित रखने के भारत के इरादों का संकेत देने के लिए पर्याप्त होता।

अब इसमें बहुत अधिक काम लगेगा। इसमें से कुछ काम न्यायपालिका द्वारा किया जा सकता है। जैसे कि भारत में सिंगापुर मध्यस्थता आदेश को लागू करने की अनुमति देने के लिए भारतीय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला, अमेजन डॉट कॉम इंक (Amazon.com Inc.) को बड़ी राहत देता है।

अंबानी की रिलायंस को झटका -

अमेजन की याचिका पर आपातकालीन मध्यस्थ ने अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की नकदी संकट से जूझ रहे भारतीय रिटेलर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की 3.4 अरब डॉलर की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी थी।

राजनीतिक प्रतिनिधियों को भी एक बेहतर एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए प्रयास करने की आवश्यकता होगी। पूर्वव्यापी कराधान (retrospective taxation) से छुटकारा पाना स्वागत योग्य पहला एक कदम है।

(ब्लूमबर्ग से जुड़े वैचारिक स्तंभकार एंडी मुखर्जी के स्तंभ के अंश। यह स्तंभकार के निजी विचार हैं। जो औद्योगिक कंपनियों और वित्तीय सेवाओं को कवर करते हैं।)

डिस्क्लेमर – लेख प्रचलित आर्टिकल पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इसमें प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com